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     मां सिद्धिदात्री की आरती | Maa Siddhidatri Aarti

    नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की आरती | Maa Siddhidatri Aarti

    मां सिद्धिदात्री की आरती

    जय सिद्धिदात्री मां, तू सिद्धि की दाता।


    तू भक्तों की रक्षक, तू दासों की माता।


    तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि।


    तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि।


    कठिन काम सिद्ध करती हो तुम।


    जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम।


    तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है।


    तू जगदम्बे दाती तू सर्व सिद्धि है।


    रविवार को तेरा सुमिरन करे जो।


    तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो।


    तू सब काज उसके करती है पूरे।


    कभी काम उसके रहे ना अधूरे।


    तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया।


    रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया।


    सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली।


    जो है तेरे दर का ही अम्बे सवाली।


    हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा।


    महा नंदा मंदिर में है वास तेरा।


    मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता।


    भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता।

    मां सिद्धिदात्री कौन है?

    माँ दुर्गाजी की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री हैं। ये सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली हैं। नवरात्र-पूजन के नौवें दिन इनकी उपासना की जाती है।

    मां सिद्धिदात्री की पूजा क्यों की जाती है?

    नवरात्रि की नवमी को मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं और भक्तों को यश, बल और धन भी प्रदान करती हैं। सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करें। मां की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं।

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