मां महागौरी की आरती | Mahagauri Aarti
जय महागौरी जगत की माया।
जया उमा भवानी जय महामाया॥
हरिद्वार कनखल के पासा।
महागौरी तेरी वहां निवासा॥
चंद्रकली ओर ममता अंबे।
जय शक्ति जय जय माँ जगंदबे॥
भीमा देवी विमला माता।
कौशिकी देवी जग विख्यता॥
हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा।
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा॥
सती {सत} हवन कुंड में था जलाया।
उसी धुएं ने रूप काली बनाया॥
बना धर्म सिंह जो सवारी में आया।
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया॥
तभी माँ ने महागौरी नाम पाया।
शरण आनेवाले का संकट मिटाया॥
शनिवार को तेरी पूजा जो करता।
माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता॥
भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो।
महागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो॥
माता महागौरी कौन है ?
जब मां की कठोर तपस्या से भगवान शिव प्रसन्न हुए तो उन्होंने मां को पत्नी के रूप में स्वीकार किया और इनके शरीर को गंगा के पवित्र जल से धोकर अत्यंत कांतिमय बना दिया, जिस कारण इनका काला रंग गौर वर्ण जैसा हो गया. इसके बाद मां पार्वती के इस स्वरूप को महागौरी के नाम से जाना गया |
महागौरी को कौन सा भोग लगाएं ?
महा गौरी को नारियल बेहद पसंद हैं. ऐसे में उन्हें नारियल या नारियल से बनी चीजों का भोग लगाना बेहद शुभ माना जाता है
मां महागौरी को कौन सा रंग पसंद है ?
क्योंकि मां को नीला रंग पसंद है इसलिए इस दिन नीले रंग के कपड़े पहनने चाहिए। आठवां स्वरूप महागौरी का माना जाता है। अगर आप महागौरी माता की विशेष कृपा चाहते हैं, तो इस दिन गुलाबी रंग के कपड़े पहनें। नवरात्रि के नौवें दिन सिद्धिदात्री देवी की पूजा की जाती हैं।
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