श्री यमुना जी की आरती ॐ जय यमुना माता LYRICS HINDI SHRI YAMUNA JI KI AARTI LYRICS
महान नदियों में सबसे बड़ी श्री यमुना को भगवान श्री कृष्ण की रानी पत्नी के रूप में भी जाना जाता है। वह सूर्य (सूर्य) की बेटी और यम (मृत्यु के देवता) और शनि (शनि) के भाई हैं। भगवान का दिव्य निवास गोलोक यमुना का घर है। जब भगवान ने यमुना को पृथ्वी पर उतरने का आदेश दिया, तो वह सबसे पहले श्रीकृष्ण के चक्कर लगाने गईं। तत्पश्चात, वह बड़ी शक्ति के साथ सुमेरु पर्वत की चोटी पर उतरी। उसकी यात्रा वहाँ से महान पर्वत श्रृंखलाओं के दक्षिणी भाग की ओर शुरू हुई। और एक शिखर कालिंद पर पहुंच गया, नीचे की ओर अपनी यात्रा शुरू करने के लिए, जब से यमुना ने कालिंद चोटी से नीचे की ओर अपनी यात्रा शुरू की, इसलिए उसे कालिंदी की उपाधि मिली। रास्ते में कई चोटियों को पार करते हुए और विशाल मैदानों को गीला करते हुए यमुना वृंदावन और मथुरा तक पहुंचने के लिए तेजी से यात्रा करती है।
Yamuna ji ki Aarti in Hindi- श्री यमुना जी की आरती
ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता,
नो नहावे फल पावे सुख सुख की दाता |ॐ
पावन श्रीयमुना जल शीतल अगम बहै धारा,
जो जन शरण से कर दिया निस्तारा |ॐ
जो जन प्रातः ही उठकर नित्य स्नान करे,
यम के त्रास न पावे जो नित्य ध्यान करे |ॐ
कलिकाल में महिमा तुम्हारी अटल रही,
तुम्हारा बड़ा महातम चारों वेद कही |ॐ
आन तुम्हारे माता प्रभु अवतार लियो,
नित्य निर्मल जल पीकर कंस को मार दियो |ॐ
नमो मात भय हरणी शुभ मंगल करणी,
मन बेचैन भय है तुम बिन वैतरणी |ॐ
श्री यमुना जी की आरती
जय जय श्री यमुना, माँ धन्य धन्य श्री यमुना ।
जोता जनम सुधार्या , जोता जनम सुधार्या , धन्य धन्य श्री यमुना ,माँ जय जय श्री यमुना ॥
शामलाडी सूरत माँ मूरत माधुरी, माँ मूरत माधुरी ।
प्रेम सहित पटरानी, पराक्रमे पूरया, माँ जय जय श्री यमुना ॥
गह्वर चाल्या माँ, गंभीरे घेरया , माँ गम्भीरे घेरया ।
चूंदडिये चटकाव्या पहरया ने लहरया माँ जय जय श्री यमुना ॥
भुज कंकण रूडा माँ गुजरिया चूड़ी, माँ गुजरिया चूड़ी ।
बाजूबंद ने वेरखा, पहोंची रत्न जड़ी माँ जय जय श्री यमुना ॥
झांझर ने झमके माँ बिछिया ने ठमके, माँ बिछिया ने ठमके ।
नूपुर ने नादे माँ घूघरी ने घमके माँ जय जय श्री यमुना ॥
सोला श्रृंगार सज्या माँ नकबेसर मोती , माँ नकबेसर मोती ।
आभरण मा आपो छो , दर्पण मुख जोता माँ जय जय श्री यमुना ॥
तट अंतर रूडा माँ शोभित जल भरिया, माँ शोभित जल भरिया ।
मनवांछित मुरलीधर, सुन्दर वर वरिया माँ जय जय श्री यमुना ॥
लाल कमल लपटया माँ जोवाने गया था, माँ जोवाने गया था ।
कहे माधव परिक्रम्मा , ब्रज नी करवा ने गया था माँ जय जय श्री यमुना ॥
श्री यमुना जी नी आरती विश्राम घाटे थाय माँ विश्राम घाटे थाय ।
तैंतीस करोड देवता दर्शन करवा जाय माँ जय जय श्री यमुना ॥
श्री यमुना नी आरती जो कोई गाशे माँ जो कोई गाशे ।
तेना जनम मरण संकट सर्वे दूर थाशे माँ जय जय श्री यमुना ॥
एटली विनती करूँ माँ तव चरणे राखो , माँ तव चरणे राखो ।
दास क़रीने स्थापो ब्रज मा वास आपो माँ जय जय श्री यमुना ॥
जय जय श्री यमुना, माँ धन्य धन्य श्री यमुना ।
जोता जनम सुधार्या , जोता जनम सुधार्या , धन्य धन्य श्री यमुना
माँ जय जय श्री यमुना
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