Shri Jagannath Aarti : भगवान जगन्नाथ की आरती
Jagannath Aarti / भगवान जगन्नाथ की आरती बाबा जगन्नाथ की आराधना करने और उनकी कृपा प्राप्त करने का एक सफल माध्यम है|
भगवान जगन्नाथ ओड़िसा के पूरी में विराजते हैं. बाबा जगन्नाथ का धाम चार धामों में से एक है. वास्तव में भगवान जगन्नाथ विष्णु भगवान के ही रूप माने गए हैं|
जगन्नाथ भगवान की रथ यात्रा के समय बाबा जगन्नाथ के भक्तों की भाड़ी भीड़ पूरी में उमड़ती है. लाखों लोग भगवान जगन्नाथ के रथ को खीचने के लिए लालायित रहतें हैं|
भगवान जगन्नाथ बहुत ही दयालु हैं. वे सदा अपने भक्तों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखतें हैं|
भगवान जगन्नाथ की आरती
आरती श्री जगन्नाथ मंगलकारी,
परसत चरणारविन्द आपदा हरी।
निरखत मुखारविंद आपदा हरी,
कंचन धूप ध्यान ज्योति जगमगी।
अग्नि कुण्डल घृत पाव सथरी।
आरती श्री जगन्नाथ मंगलकारी,
देवन द्वारे ठाड़े रोहिणी खड़ी,
मारकण्डे श्वेत गंगा आन करी।
गरुड़ खम्भ सिंह पौर यात्री जुड़ी,
यात्री की भीड़ बहुत बेंत की छड़ी।
आरती श्री जगन्नाथ मंगलकारी,
धन्य-धन्य सूरश्याम आज की घड़ी।
आरती श्री जगन्नाथ मंगलकारी|
Shri Jagannath Puri Aarti in English
Aarti Shree Jagannath Mangalkari,
Parasat Charanravind disaster green.
Nikhat Mukharvind disaster green,
Kanchan Dhoop Dhyan Jyoti lit up.
Agni Kundal Ghrita Pav Satri.
Aarti Shree Jagannath Mangalkari,
Rohini stood by Devan,
Come on Markande Shwet Ganga.
Garud Khambh Singh Poor traveler attached,
The crowd of traveler very cane stick.
Aarti Shree Jagannath Mangalkari,
Blessed-blessed Surashyam today's clock.
Aarti Shri Jagannath Mangalkari.
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