Vijayadashami 2021: विजयादशमी पूजा?, जानिए शुभ मुहूर्त
विजयादशमी के दिन शमी पूजन का बड़ा महत्व होता है। कहा जाता है शमी का पूजन करने से आयु, आरोग्य और शक्ति में वृद्धि होती है। समस्त पापों का नाश होता है। परंपरागत रूप से विजयादशी के दिन शमी की पूजा क्षत्रियों तथा प्राचीनकाल में राजा-महाराजाओं द्वारा की जाती रही है। आज यह परंपरा अनेक क्षत्रिय घरों में निभाई जाती है। इसके लिए शहर के उत्तर-पूर्व दिशा में स्थित शमी के पेड़ का पूजन किया जाता है। अब तो घरों के गमलों में लगे शमी के पौधे का भी पूजन किया जाता है।
विजयादशमी के दिन शुभ मुहूर्त में शमी के पेड़ की पूजा की जाती है। पूजन का मंत्र इस प्रकार है-
अमंगलानां च शमनीं शमनीं दुष्कृतस्य च । दु:स्वप्ननाशिनीं धन्यां प्रपद्येहं शमीं शुभाम् ।। शमी शमयते पापं शमी लोहितकण्टका । धारिण्यर्जुनबाणानां रामस्य प्रियवादिनी ।। करिष्यमाणयात्रायां यथाकाल सुखं मया । तत्रनिर्विघ्नकर्त्रीत्वंभव श्रीराम पूजिते ।।
15 अक्टूबर को पूजन मुहूर्त विजय मुहूर्त
- दोपहर 2.09 से 2.55 बजे तक अवधि 46 मिनट
- अपराह्न पूजा मुहूर्त दोपहर 1.22 से 3.42 बजे तक अवधि 2 घंटे 20 मिनट
- दशमी तिथि प्रारंभ- 14 अक्टूबर को सायं 6.54 बजे से
- दशमी तिथि पूर्ण- 15 अक्टूबर को सायं 6.04 बजे तक
- श्रवण नक्षत्र प्रारंभ- 14 अक्टूबर को प्रात: 9.35 बजे से
- श्रवण नक्षत्र पूर्ण- 15 अक्टूबर को प्रात: 9.15 बजे तक
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