नवरात्रि कलश स्थापना मुहूर्त 2021 -Navratri 2021-Sardiya Navratri 2021- Ghat Sthapana Vidhi
कलश स्थापना (घटस्थापना) नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त, सही समय और सही तरीके से करनी चाहिए। आइए जानें कैसे करें कलश की स्थापना.
कलश स्थापना के लिए आवश्यक सामग्री :-
• जौ बोने के लिए मिटटी का पात्र
• साफ़ मिट्टी
• मिटटी का एक छोटा घड़ा
• कलश को ढकने के लिए मिट्टी का एक ढक्कन
• गंगा जल
• सुपारी
• 1 या 2 रुपए का सिक्का
• आम की पत्तियां
• अक्षत / कच्चे चावल
• मोली / कलावा / रक्षा सूत्र
• जौ (जवारे)
• इत्र (वैकल्पिक)
• फुल और फुल माला
• नारियल
• लाल कपडा / लाल चुन्नी
• दूर्वा घास
कलश स्थापना विधि:-
नवरात्रि में कलश स्थापना देव-देवताओं के आह्वान से पूर्व की जाती है। कलश स्थापना करने से पूर्व आपको कलश को तैयार करना होगा जिसकी सम्पूर्ण विधि इस प्रकार है|
- सबसे पहले मिट्टी के बड़े पात्र में थोड़ी सी मिट्टी डालें। और उसमे जवारे के बीज डाल दें।
- अब इस पात्र में दोबारा थोड़ी मिटटी और डालें। और फिर बीज डालें। उसके बाद सारी मिट्टी पात्र में डाल दें और फिर बीज डालकर थोड़ा सा जल डालें।
- (ध्यान रहे इन बीजों को पात्र में इस तरह से लगाएं कि उगने पर यह ऊपर की तरफ उगें। यानी बीजों को खड़ी अवस्था में लगाएं और ऊपर वाली लेयर में बीज अवश्य डालें।)
- अब कलश और उस पात्र की गर्दन पर मौली बांध दें। साथ ही तिलक भी लगाएं।
- इसके बाद कलश में गंगा जल भर दें।
- इस जल में सुपारी, इत्र, दूर्वा घास, अक्षत और सिक्का भी दाल दें।
- अब इस कलश के किनारों पर 5 अशोक के पत्ते रखें और कलश को ढक्कन से ढक दें।
- अब एक नारियल लें और उसे लाल कपड़े या लाल चुन्नी में लपेट लें। चुन्नी के साथ इसमें कुछ पैसे भी रखें।
- इसके बाद इस नारियल और चुन्नी को रक्षा सूत्र से बांध दें।
- तीनों चीजों को तैयार करने के बाद सबसे पहले जमीन को अच्छे से साफ़ करके उसपर मिट्टी का जौ वाला पात्र रखें। उसके ऊपर मिटटी का कलश रखें और फिर कलश के ढक्कन पर नारियल रख दें।
- आपकी कलश स्थापना संपूर्ण हो चुकी है। इसके बाद सभी देवी देवताओं का आह्वान करके विधिवत नवरात्रि पूजन करें। इस कलश को आपको नौ दिनों तक मंदिर में ही रखे देने होगा। बस ध्यान रखें सुबह-शाम आवश्यकतानुसार पानी डालते रहें।
- नवरात्रि की पूजा की शुरुआत कलश स्थापना के साथ होती है. पहले शुभ मुहूर्त के अनुसार कलश की स्थापना की जाती है, जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. 07 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 17 मिनट से सुबह 7 बजकर 7 मिनट तक का समय शुभ है. ऐसे में इसी समय कलश स्थापना करने से नवरात्रि फलदायी होते हैं. अभिजीत मुहूर्त 11:46 से 12:32 तक रहेगा
नवरात्रि में क्या करें, क्या न करें
इन दिनों व्रत रखने वाले को जमीन पर सोना चाहिए। ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। व्रत करने वाले को फलाहार ही करना चाहिए। नारियल, नींबू, अनार, केला, मौसमी आदि फल तथा अन्न का भोग लगाना चाहिए। व्रत करने वाले को संकल्प लेना चाहिए कि हमेशा क्षमा, दया, उदारता का भाव रखेगा। इन दिनों व्रती को क्रोध, मोह, लोभ आदि दुष्प्रवृत्तियों का त्याग करना चाहिए। देवी का आह्वान, पूजन, विसर्जन, पाठ आदि सब प्रातःकाल में शुभ होते हैं, अतः इन्हें इसी दौरान पूरा करना चाहिए।
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