Ashad month 2021: आषाढ़ 2021 के व्रत त्योहार
Ashadha mahina 2021 :
इस वर्ष आषाढ़ का महीना 25 जून से प्रारंभ हो रहा है जो 24 जुलाई को शनिवार के दिन समाप्त होगा।आषाढ़ का महीना कामना पूर्ति का महीना माना जाता है, इस महीने में सूर्य और जल देव की पूजा विशेष मानी जाती है।इस माह में शीतलाष्टमी, जगन्नाथ रथयात्रा, योगिनी एकादशी, हरिशयनी एकादशी सहित कई व्रत और त्योहार पड़ते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार, वर्ष का चौथा महीना आषाढ़ मास कहलाता है जो हिंदू पंचांग के अनुसार अक्सर जून और जुलाई के बीच में पड़ता है। मान्यताओं के अनुसार आषाढ़ का महीना गुरु की पूजा के लिए उत्तम माना जाता है। कहा जाता है कि इस महीने में गुरुओं की पूजा करना अत्यंत लाभदायक होता है। कहा जाता है कि आषाढ़ मास के महीने में जल देव की पूजा अवश्य करनी चाहिए क्योंकि उनकी पूजा करने से धन प्राप्ति का योग बनता है। इस महीने में सूर्य देव की पूजा भी विशेष विधि अनुसार की जाती है।
इस वर्ष आषाढ़ का महीना 25 जून से प्रारंभ हो रहा है जो 24 जुलाई को समाप्त होगा। आषाढ़ मास में शीतलाष्टमी, योगिनी एकादशी, मासिक शिवरात्रि, गुप्त नवरात्रि, विनायक चतुर्थी, ईद उल अजहा, हरिशयनी एकादशी जैसे कई मुख्य व्रत और त्योहार आते हैं।
Ashad month 2021 Hindu calender, ashadha month 2021 vrat festival list, आषाढ़ मास 2021 के व्रत और त्योहार की लिस्ट List
27 जून 2021: - गणेश चतुर्थी व्रत
28 जून 2021: - पंचक काल प्रारंभ
02 जुलाई 2021: - शीतलाष्टमी
03 जून 2021: - पंचक का समापन
05 जुलाई 2021: - योगिनी एकादशी व्रत
07 जुलाई 2021: - प्रदोष व्रत
08 जुलाई 2021: - मासिक शिवरात्रि
09 जुलाई 2021: - अमावस्या तिथि
11 जुलाई 2021: - गुप्त नवरात्रि प्रारंभ
12 जुलाई 2021: - श्री जगन्नाथ जी रथयात्रा प्रारंभ
13 जुलाई 2021: - विनायक चतुर्दशी व्रत
16 जुलाई 2021: - कर्क संक्रांती
18 जुलाई 2021: - गुप्त नवरात्रि पारण
19 जुलाई 2021: - आशा दशमी का व्रत रहेगा
20 जुलाई 2021: - ईद उल अजहा
20 जुलाई 2021: - हरिशयनी एकादशी
21 जुलाई 2021: - प्रदोष व्रत, वामन द्वादशी
22 जुलाई 2021: - विजया पार्वती व्रत
24 जुलाई 2021: - गुरु पूर्णिमा, पूर्णिमा व्रत
आषाढ़ मास का महत्व
आषाढ़ के महीने में देवशयनी एकादशी शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है। यह एकादशी बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि इसी दिन से श्रीहरि शायन काल में चले जाते हैं और 4 महीनों तक कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इस महीने के अंत से चतुर्मास प्रारंभ हो जाता है जिसमें सावन, भाद्रपद, अश्विन और कार्तिक महीने शामिल हैं। यह चार महीने व्रत और उपासना के लिए बेहद विशेष माने जाते हैं लेकिन इन महीनों में कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है। आषाढ़ माह में श्री जगन्नाथ पुरी की रथ यात्रा भी निकाली जाती है जो बेहद भव्य पर्व माना जाता है।
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