Header Ads

  • Breaking News

    Chaitra Navratri 2021: 13 अप्रैल से शुरू होगा

    chaitra navratri 2021,navratri 2021,gupt navratri 2021,magh gupt navratri 2021,gupt navratri 2021 dates,chaitra navratri 2021 date,navratri 2021 dates,chaitra navratri 2021 dates,chaitra navratri 2021 kab hai,chaitra navratri 2021 dates xnavratri 2021 x,2021 gupt navratri,navratri 2021 kab hai,2021 chaitra navratri,magh gupt navratri 2021 dates,gupt navratri,2021 mein gupt navratri kab hai,gupt navratri 2021 date,gupt navratri 2021 date time,gupt navratri 2021 start date,navratri 2021 april

    Chaitra Navratri 2021: चैत्र नवरात्रि इस साल 13 अप्रैल से शुरू होने जा रही है, जो 22 अप्रैल तक चलेगी। हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष मान्यता है। कुल चार तरह की नवरात्रि हिंदुओं द्वारा मनाई जाती हैं। वह चैत्र, शारदीय, माघ और आषाढ़ नवरात्र है। इन सभी नवरात्रि में मां दुर्गा के सभी नौ स्वरूपों की अलग-अलग दिन पूजा की जाती है। ऐसे में चैत्र नवरात्र में मां शैलपुत्री, ब्रह्नचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता सहित कई देवियों की पूजा की जाएगी। ऐसे में आइए जानते हैं किस दिन कौन-सी देवी की पूजा-अर्चना होगी और महत्वपूर्ण तिथियां।

    चैत्र नवरात्रि के पहले दिन शुभ योग

    • विष्कुम्भ योग 12 अप्रैल की दोपहर 2:27 बजे से 13 अप्रैल की दोपहर 3:16 मिनट तक
    • प्रीति योग 13 अप्रैल की दोपहर 3:16 बजे 14 अप्रैल की दोपहर 4:15 मिनट तक


    कौन-सी देवी की पूजा कब होगी

    • 13 अप्रैल घट/कलश स्थापना तिथि- मां शैलपुत्री प
    • 14 अप्रैल - मां ब्रह्मचारिणी
    • 15 अप्रैल- मां चंद्रघंटा
    • 16 अप्रैल- मां कुष्मांडा
    • 17 अप्रैल- मां सरस्वती
    • 18 अप्रैल- मां कात्यायनी
    • 19 अप्रैल- मां काल रात्रि
    • 20 अप्रैल- मां महागौरी, दुर्गा अष्टमी, निशा पूजा
    • 21 अप्रैल- नवमी, नवरात्रि पारण

    घटस्थापना तिथि

    घटस्थापना तिथि- 13 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 28 मिनट से सुबह 10 बजकर 14 मिनट तक

    महानिशा पूजा तिथि- 20 अप्रैल

    घटस्थापना विधि

    चैत्र नवरात्र के दिन सुबह जल्द उठकर स्नान कर स्वस्छ कपड़े धारण करें। फिर पाद्य, लाल वस्त्र, अक्षत, पुष्प, धूप, दीपक, नैवेद्य, पुष्पांजलि से देवी की स्थान को सुसज्जित करें। गणेश जी और माता की पूजा करके घट या कलश स्थापना करें। अब नौ देवियों की आकृति बनाने के लिए लकड़ी के पटरे पर पानी में गेरू घोले। चाहे तो दुर्गा मां की प्रतिमा भी स्थापित कर सकते हैं। फिर कलावा लपेटें और गणेश स्वरूप में कलश पर उसे विराजमान करें। घट के पास गेहूं या जौ का पात्र रखें। अब पूजा और मां भगवती का आह्रान करें।

    1 टिप्पणी:

    '; (function() { var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true; dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js'; (document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq); })();

    Post Top Ad

    Post Bottom Ad