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    पौष पूर्णिमा शुभ मुहूर्त- Paush Purnima Date, Time Muhurat

    पौष पूर्णिमा शुभ मुहूर्त- Paush Purnima Date, Time and Muhurat

    पौष माह में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को पौष पूर्णिमा कहते हैं। इस दिन दान, जप और स्नान का विशेष महत्व होता है। इस साल यह तिथि 28 जनवरी 2021 यानी आज गुरुवार को पड़ी है। मान्यता है कि इस दिन सूर्यदेव की अराधना से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसलिए पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान और सूर्य देव को अर्घ्य देने की परपंरा प्रचलित है। जानिए पौष पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त, महत्व, स्नान का शुभ समय और व्रत नियम-

    पौष पूर्णिमा शुभ मुहूर्त-

    उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिर्विद पं. दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली के अनुसार पूर्णिमा तिथि 27 जनवरी, बुधवार की रात में 12:32 बजे से शुरू हो जाएगी जो 28 जनवरी को रात 12:32 बजे तक रहेगी। इसलिए गुरुवार को ब्रह्म मुहूर्त से ही स्नान दान शुरू हो जाएगा।

    पौष पूर्णिमा व्रत विधि-

    1. सबसे पहले स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प लेने के बाद भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करें।

    2. विष्णु जी को भोग आदि लगाकर आरती करें।

    3. मंत्रोच्चारण करते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य दें।

    4. पूरे दिन श्रीहरि के नाम का ध्यान लगाएं।

    5. रात को चंद्रमा निकलने के बाद धूप-दीप से पूजा करें और चंद्रमा को अर्घ्य दें।

    पौष पूर्णिमा व्रत का महत्व-

    पूर्णिमा तिथि चंद्रमा को समर्पित की जाती है। इसलिए पौष मास की पूर्णिमा तिथि होने से इसका महत्व बढ़ जाता है। इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों की पूजा करनी चाहिए। सुबह सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य देना शुभ फलकारी माना जाता है

    पूर्णिमा के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं-

    1. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पूर्णिमा के दिन चावल का दान करना शुभ होता है। चावल का संबंध चंद्रमा से होता है और पूर्णिमा के दिन चावल का दान करने से चंद्रमा की स्थिति कुंडली में मजबूत होती है।

    2. पूर्णिमा के दिन पानी में गंगाजल मिलाकर कुश हाथ में लेकर स्नान करना चाहिए।

    3. पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण की कथा सुननी चाहिए। घर के मेनगेट पर आम के पत्तों की तोरण बांधनी चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

    4. पूर्णिमा के दिन भगवान शिव की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

    5. पूर्णिमा के दिन महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। कहते हैं कि पीपल में मां लक्ष्मी का वास होता है।

    इस दिन सत्यनारायण भगवान जी की कथा सुननी चाहिए और साथ साथ सूर्य भगवान जी का मंत्र उच्चारण भी करना चाहिए | 


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