कोरोना महामारी -Covid-2019
कोरोना महामारी की शुरुआत पिछले साल ही हो गई थी। इस वर्ष इसका फैलाव हुआ है। पांच नवंबर 2019 से पूर्व जब बृहस्पति और शनि अपने घर के द्वादश भाव में थे तभी से कोरोना महामारी की शुरुआत हुई और आज इसने विकराल रूप ले लिया है।
29 मार्च के बाद स्थिति और भी खराब हो गई। ऐसा इसलिए क्योंकि बृहस्पति उच्च ग्रह होने के बाद भी शनि और मंगल के साथ संयोग कर रहा है। ये पूरे जनमानस के लिए खराब है। 15 अप्रैल के बाद संक्रमण में कमी आएगी। कोरोना का प्रकोप जून में समाप्त होगा। बृहस्पति जब पुन: अपने घर में जाएगा तभी कोरोना से निजात मिलेगी।
मृत्युकारी ग्रह यम (प्लूटो) की युति शनि के साथ तीन महीने पूर्व ही हो गई थी। यम के एजेंट ग्रह की संज्ञा प्रदान की गई है। शनि स्वत: क्रूर और विनाशकारी ग्रह है। दोनों की युति संसार में भयावह स्थित देगी। इस प्रकार इसने 12 नवंबर 2019 से ही प्रतिकूल फल देना प्रारंभ कर दिया।
महामारी के कारण इन दोनों ग्रहों का सामीप्य ही है। 28 अप्रैल से यह पुन: व्रकी होकर धनु राशि की ओर वापस जाना प्रारंभ करेगा और पूर्ण रूप से 28 जून को प्रात: काल तीन बजकर पांच मिनट पर वापस धनु में चला जाएगा। अप्रैल महीने के बाद कुछ राहत मिलेगी लेकिन रोग से छुटकारा तो जून महीने के अंत में मिलेगी।
विक्रम संवत 2077 का राजा बुध तथा मंत्री चंद्रमा हैं। बुध का चंद्रमा शत्रु है। शनि इस वर्ष सप्तमेश एवं अष्टमेश होकर सप्तम भाव में बैठे हैं और लग्न पर पूर्ण दृष्टि पड़ रही है तथा राहू व्यय भाव में बैठे एवं केतु रोग स्थान पर हैं। जो वर्ष भर परेशानियों का सामना कराते हैं।
इन ग्रहों के आधार पर यह कोरोना वायरस एक महामारी जैसा ही है जो वर्ष पर्यंत कष्टकारी रहेगा। लेकिन मासिक गणना के अनुसार इस महामारी का प्रकोप 24 अप्रैल के बाद शांत होना शुरू हो जाएगा। 30 मई के बाद से पूर्ण रूप से शांत हो सकता है, लेकिन इसका असर पूरे वर्ष रहेगा।
25 मार्च से पहले जो भारतीय नव वर्ष था उसमें सूर्य में शनि की स्थिति थी। सूर्य राजा थे और शनि मंत्री थे। इस नव वर्ष के राजा बुध और मंत्री चंद्रमा, चंद्रमा औषधियों का स्वामी है। अत: 25 मार्च से अगले तीन महीने में कोरोना की औषधि मिल जाएगी।
25 अप्रैल तक ग्रह पूरी तरह से अपने घरों में जाकर मजबूत हो जाएंगे। सूर्य और शनि की युति ही थी जो उतरते-उतरते रोग महामारी, विषाणु देकर गई है। 25 अप्रैल के बाद स्थिति में सुधार होना शुरू हो जाएगा। 25 मई के बाद पूरी दुनिया को इस महामारी से मुक्ति मिल जाएगी। साथ ही दुनिया में भारत की मान प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी।
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