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    दशहरा अथवा विजयादशमी | Dussehra and Vijayadashami Celebration 



    दशहरा एक बहुत ही बड़ा और महत्वपूर्ण त्यौहार है अगर हिंदू कैलेंडर देखा जाए तो। दशहरा को विजयदशमी कहा जाता है इसका मतलब होता है- बुराई पर अच्छाई की जीत। हमारे समाज में रामायण के रावण को जलाकर बुराई का त्याग किया जाता है।

    Dussehra puja falls on 19th Oct 2018
    दशहरा 10 दिन का त्यौहार है, और दशमा दिन जो होता है उसको दसवीं कहा जाता है जिस दिन दशहरा पूजा समाप्त होती है। हिंदू महीना के हिसाब से अश्विन मतलब की पूरी चांद का दिन भी इसी दिन होता है। दशहरा हर राज्य में अलग-अलग तरीके में मनाया जाता है जिसमें उनके अपने रीति-रिवाज शामिल होते हैं। पुरानी कहानियां के हिसाब से भगवान राम ने रावण से 10 दिन तक युद्ध लड़ा था, जिस में रावण की हार हुई थी। इसके बाद भगवान राम ने सीता मैया को छुड़ाकर लंका से वापस ले आए थे इसीलिए दशहरा मनाया जाता है। भगवान राम की जीत यह दर्शाता है कि हमेशा बुराई पर अच्छाई की जीत होती है और यह सत्य कभी झूठ लाया नहीं जा सकता।


    विजय दशमी 2018 पर ऐसे करें पूजन | How to do Puja in Vijayadashmai


    • दशहरे के दिन सुबह दैनिक कर्म से निवृत होने के पश्चात, स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
    • घर में जितने भी लोग हैं सबको सुबह ना दुआ कर पूजा करने के लिए तैयार हो जाना चाहिए।
    • इसके बाद गाय के गोबर से 10 गोले अर्थात कण्डे बनाए जाते हैं। 
    • इन कण्डो पर दही लगाई जाती है।
    • दशहरे के पहले दिन जौ उगाए जाते हैं। 
    • वह जौ दसवें दिन यानी दशहरे के दिन इन कण्डों के ऊपर रखे जाते हैं।
    • उसके बाद धूप-दीप जलाकर, अक्षत से रावण की पूजा की जाती है। 
    • कई स्थानों पर तो लड़के अपने सर तथा कान पर यह जो रखकर पूजा की शुरूआत किया करते हैं । 
    • भगवान राम की झांकियों पर भी यह जौ चढा़ए जाते हैं। 


    इस त्यौहार के समय में रामलीला और अलग-अलग रामायण के नाटक दिखाएं और सुनाए जाते हैं। दशहरा से पहले का 9 दिन नवरात्रि कहलाता है, और इस दिन लोग पूजा और व्रत रखते हैं। पूर्वी भारत में दशहरा का मतलब होता है 9 दिन का दुर्गा पूजा के विधि-विधान का अंत। दुर्गा जी को बहुत ही विधि विधान और पारंपरिक रुप से विसर्जन किया जाता है। दुर्गा जी की 9 दिन की नवरात्रि भी बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाती है- मां दुर्गा ने महिषासुर जैसे राक्षस को मारकर लोगों को उस के प्रकोप से बचाया था, जो कि यह दर्शाता है कि हमेशा ही बुराई पर अच्छाई की जीत होती है। दुर्गा माता के साथ साथ महालक्ष्मी, मां सरस्वती, गणेश भगवान और कार्तिकेय भगवान का भी पूजा किया जाता है।

    दशहरा के दिन कोई भी व्यापर की शुरुआत करना अति शुभ माना जाता है:- 

    • दशहरे के दिन आप कोई भी नया व्यापार शुरू कर सकते हैं बिना किसी संकोच के। 
    • यह दिन अत्यंत शुभ अतिथियों में से एक है तथा इस दिन वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम, स्वर्ण, आभूषण नए वस्त्र इत्यादि खरीदना शुभ होता है। 
    • इस दिन जगह-जगह मेले लगते हैं। 
    • दशहरा का पर्व समस्त पापों काम, क्रोध, लोभ, मोह मद, अहंकार, हिंसा आदि के त्याग की प्रेरणा प्रदान करता है। 
    • अगर आप दशहरे के दिन नीलकंठ भगवान के दर्शन करते हैं या अति शुभ होगा आपके और आपके परिवार के लिए। 
    • दशहरे के दिन शस्त्र-पूजा की जाती है। 
    • प्राचीन काल में राजा महाराजा इस दिन विजय की प्रार्थना करके ही रण-यात्रा के लिए प्रस्थान करते थे।

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