Karva Chauth Katha in Punjabi- 2019-करवा चौथ की कहानी
वीरो कुड़ी सी ऊदे सत भराया सी ओ अपने भराया दी बहुत प्यारी सी| उन्होंने छोटी उम्र में विया दिता सी| विया के जदो पहला करवा चौथ आया ते वीरो अपडे पेके चली गयी ते भराया आये जल्दी- जल्दी श्याम नो ते कहेन लगे की सडि बहन भूखी प्यासी हुण्ड गई सवेर दी| उन्हने क्या किता परछावा कर के कहा ले बहना चाँद चढ़ गया है ते तू रोटी खा ले| व्रत रख के उसने के किता सारा दिन औ सुइया दे नल कसीदा कड दी रही फिर जादो भराया आये तो के कहने पर उसने रोटी खालीती| दूसरे दिन वीरो अपने सौरे घर गई और देखती है की औ दे घरवाले नो रोम रोम विच सुइया चुभ गई हनन, बड़ी परेशान हुदी है -की गाल हो गई इस तरह ओ कहन लगे की, तू व्रत रख कर सुइया नाल कसीदा कड दी रही है न ते ये तू ठीक नहीं किता औ सारिया सूइया से तू कड दी रही हन इसलिए ये रोम-रोम विच धस गई हन वीरो रोज सुईया कड दी रही ते वीरो नू साल पक्का लग गया और अब दूसरा करवा चौथ आ गया ते जो गोली सी थी बैठी कोल ते कहन्दी ले तू बैठ में करवा ले के अणि आ |
वीरो करवा लेने चली गई ते पीछे गोली ने आखिर दिया सुईया सी औ कड दिती वीरो का पति राम राम कर के उठ पाइया| अब वीरो का पति गोली को रानी समझने लगा और जो रानी सी उनो गोली समझने लगा और ख़ुशी से रहने लगे|कुछ समय बाद पति बहार चला गया और रानी और गोली से कहने लगा की तुम दोनों के लिए क्या लेकर आऊं| तब जो रानी गोली बनी हुई थी उसने अपने लिए पूजा के लिए गुड़िया मगवाई और जो गोली थी जो रानी बन गईं थी वह कहने लगी की मेरे लिए सूट ले आना, गहने ले आना वह दोनों के लिए सामान ले आ या| अब जो रानी गोली बन गई थी वह गुड़िया साथ खेले और बातें करे और कहे की जो - "रानी सी औ गोली हुई, जो गोली सी ओ रानी हुई" उसके पति ने दो दिन तक सुना और पूछा- ए की गाल है - "रानी सी औ गोली हुई, जो गोली सी ओ रानी हुई" फिर उस सारी कहानी सुनाई उस दिन से पति कहने लगा नहीं जो- "गोली सी गोली, जो रानी सी रानी हुई" उस दिन से फिर वह ख़ुशी ख़ुशी रहने लगे| और कहने लगे :-
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