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    मंगल ग्रह - प्रभाव और उपाय

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    मंगल का पहले भाव में फल

    पहले घर में स्थित मंगल ग्रह जातक को उम्र के 28 वर्ष से अच्छे स्वभाव वाला, सच्चा और अमीर बनाता है। उसे सरकार से सहयोग मिलता है और वह अधिक प्रयास के बिना दुश्मनों पर जीत हासिल करता है। जातक शनि से संबंधित व्यवसायों जैसे लोहा, लकडी और मशीनरी आदि के माध्यम से खूब धनार्जन करता है और शनि से संबंधित रिश्तेदार जैसे, भतीजे, पोते, मामा/चाचा आदि के लिए ऐसे जातक से मिला सहज श्राप कभी बेकार नहीं जाता। शनि और मंगल की युति जातक को शारीरिक कष्ट देती है।
    उपाय:
    • मुफ्त के उपहार या दान स्वीकार नहीं करना चाहिए।
    • बुरे कामों और झूठ से बचें।
    • संतों और फकीरों की संगति बहुत हानिकारक साबित होगी,अत: उनसे बचें।
    • हाथीदांत की चीजें बहुत प्रतिकूल प्रभाव देंगी, अतः उनसे बचाव करें।

    मंगल का दूसरे भाव में फल

    दूसरे भाव में स्थित मंगल वाला जाता आमतौर पर अपने माता पिता की बडी संतान होता है अन्यथा उसके साथ बडे के जैसे बर्ताव किया जाएगा। लेकिन रहने एक छोटे भाई की तरह रहना और बर्ताव करना जातक के बहुत फायदेमंद और कई बुराइयों को अपने आप नष्ट करता है। इस घर का मंगल जातक को ससुराल से बहुत धन-संपदा दिलवाता है। यहां पर स्थित अशुभ मंगल ग्रह जातक को इंशान के रूप में दूसरों के लिए साँप सदृश बनाता है और यह स्थिति किसी युद्ध या झगड़े में जात्क की मृत्यु का कारण बनता है। दूसरे घर में बुध के साथ स्थित मंगल जातक की इच्छा शक्ति को कमजोर और उसके महत्त्व को कमजोर करने वाला बनाता है।
    उपाय:
    • चंद्रमा से जुडे व्यवसाय जैसे कपड़े का व्यापार आदि करने से चंद्रमा मजबूत होता है जिससे जातक को ऐसे व्यापार में बडी समृद्धि मिलती है।
    • सुनिश्चित करें कि आपके ससुराल वाले आम लोगों के लिए पीने के पानी की सुविधा और व्यवस्था करें।
    • घर में हिरण त्वचा रखें।

    मंगल का तीसरे भाव में फल

    तीसरा भाव मंगल और बुध से प्रभावित भाव होता है, जो जातक को भाइयों और बहनों की प्राप्ति करवाता है। वह अपने माता-पिता की अकेली संतान नहीं होगा। दूसरो को जातक से खूब लाभ मिलेगा लेकिन स्वयं जातक को दूसरों से लाभ नहीं मिलेगा। अपनी विनम्रता के कारण जातक लाभान्वित और पुरस्कृत होगा। जातक की शादी के बाद जातक के ससुराल वाले अमीर और अमीर होते जाएंगे। जातक खाओं पियो और मस्त रहो के सिद्धांत में विश्वास करेगा लेकिन रक्त विकारों से ग्रस्त रहेगा।

    उपाय:
    • नरम दिल बनें और अहंकार से बचें। समृद्धि प्राप्ति के लिए भाइयों के लिए अच्छे बनें।
    • आप के साथ हाथीदांत की वस्तुएं रखें।
    • बाएं हाथ में चांदी की अंगूठी पर पहनें।

    मंगल का चौथे भाव में फल 

    चौथा घर समग्र चंद्रमा की संपत्ति है। इस घर में मंगल ग्रह की आग और गर्मी चंद्रमा के ठंडे पानी को जला देती है। चंद्रमा के गुण प्रतिकूल प्रभावी हो जाते हैं। जातक अपने मन की शांति खो देता है और दूसरों से ईर्ष्या करने लगता है। वह हमेशा अपने छोटे भाई के साथ बुरा बर्ताव करता है। जातक की बुरी योजना बहुत बडी विनाशकारी शक्तियां प्राप्त कर लेती है। इस प्रकार का जातक अपनी माँ, पत्नी, सास आदि के जीवन के लिए बहुत प्रतिकूल प्रभावी होता है। जातक का गुस्सा उसके जीवन के विभिन्न पहलुओं के विनाश का कारण बन जाता है।
    उपाय:
    • किसी बरगद के पेड़ की जड़ों पर मीठा दूध चढाएं और वहां की गीली मिट्टी को अपनी नाभि पर लगाएं।
    • आग से तबाही से बचने के लिए, अपने घर, दुकान या कारखाने की छत पर चीनी की खाली बैग (बोरे) रखें।
    • हमेशा आपने साथ चांदी का एक चौकोर टुकड़ा रखें।
    • काले, काने और विकलांग व्यक्ति से दूर रहें।

    मंगल का पांचवें भाव में फल

      पांचवां घर मंगल के नैसर्गिक मित्र सूर्य का घर होता है। इसलिए इस घर में मंगल बहुत अच्छे परिणाम देता है। जातक के पुत्र उसकी प्रसिद्धि और धनार्जन के माध्यम बनते हैं। जातक की समृधि पुत्र प्राप्ति के बाद कई गुना बढ़ जाती है। शुक्र और चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करने वाली वस्तुएं और रिश्तेदार को हर तरीके से फायदेमंद साबित होंगे। जातक के पूर्वजों में से कोई चिकित्सक या वैद्य रहा होगा। जातक की उम्र के साथ उसकी समृधि भी बढती जाती है। लेकिन विपरीत लिंगी के साथ भावनात्मक लगाव और रोमांस जातक के लिए अत्यधिक विनाशकारी साबित होंगे और जातक की मानसिक शांति और रातों की नीद खराब करने के कारण बनेंगे।
    उपाय:
    • अपना नैतिक चरित्र अच्छा बनाए रखें।
    • रात को अपने बिस्तर के सिरहने एक बर्तन में पानी रखें और सुबह उसे किसी गमले में डाल दें।
    • अपने पूर्वजों की श्राद्ध करें और घर में एक नीम के पेड़ लगाएं।

    मंगल का छठें भाव में फल

    यह भाव बुध और केतू का होता है। दोनो आपस में शत्रु है और मंगल के लिए हानिकारक हैं। इस लिए इस भाव में सूर्य अपने आपको इन दोनो ग्रहों से दूर रखता है। इसलिए जातक साहसी, जोखिम उठाने वाला न्यायप्रिय और पानी में आग लगाने के लिए पर्याप्त शक्ति रखने वाला होता है। बुध से संबंधित व्यापार-व्यवसाय जातक के लिए अत्यधिक लाभकारी सिद्ध होंगे। उसकी कलम में तलवार से ज्यादा ताकत होगी। यदि सूर्य, शनि और मंगल इसी घर में साथ हैं तो जातक के भाई, मां, बहन और पत्नी पर प्रतिकूल प्रभाव पडेगा।

    उपाय:
    • बेटे के जन्म के समय मिठाई की जगह पर नमक बांटें।
    • जातक के भाइयों को चाहिए कि अपनी सुरक्षा और समृद्धि के लिए वो जातक को खुश रखें और इसके लिए वो जातक को कोई वस्तु या और कुछ देते रहें। लेकिन यदि जातक ऐसी चीजें स्वीकार नहीं करता तो वो चीजें पानी में फेंक देनी चाहिए।
    • जातक के लड़कों को सोना नहीं पहनना चाहिए।
    • परिवारिक सुख के लिए शनि के उपाय अपनाएं। माता पिता के स्वास्थ्य और दुश्मनों के विनाश के लिए गणेश जी की पूजा करें।


    मंगल का सातवें भाव में फल

    यदि घर में शुक्र और बुध, के प्रभाव के अंतर्गत आता है जो कि आपस में मिलकर सूर्य का फल देते हैं। यदि मंगल सातवें भाव में है तो सातवां भाव मंगल और सूर्य के प्रभाव के अंतरगत आएगा जो यह सुनिश्चित करता की जातक की महत्वाकांक्षा पूरी हो जाएगी। धन संपत्ति, और परिवार में वृद्धि होगी। लेकिन अगर बुध भी मंगल ग्रह के साथ स्थित है तो बुध से संबंधित बातों और रिश्तों जैसे, बहन, भाभी, नर्सों, नौकरानी, तोता, बकरी आदि प्रतिकूल प्रभावी होंगी अत: इनसे दूर रहना बेहतर होगा।
    उपाय:
    •  समृद्धि के लिए घर में चांदी का ठोस टुकड़ा रखें।
    • हमेशा बेटी, बहन, भाभी और विधवाओं को मिठाई भेंट करें।
    • बार बार एक छोटी सी दीवार बनाएं और गिराएं।

    मंगल का आठवें भाव में फल

    यह घर मंगल और शनि, के संयुक्त गुणों से प्रभावित होता है। इस घर में कोई ग्रह अच्छा नहीं माना जाता है। यहां स्थित मंगल ग्रह जातक के छोटे भाई पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। लाभ या हानि की परवाह किए बिना जातक अपने द्वारा बनाई गई प्रतिबद्धताओं से चिपका रहता है।
    उपाय:
    • विधवाओं का आशीर्वाद प्राप्त करें और गले में एक चांदी की चेन पहनें।
    • तंदूर की बनी मीठी रोटी कुत्तों को दें।
    • भोजन रसोई घर में ही करें।
    • अपने घर के अत में एक छोटा से अंधेरा कमरा बनाएँ और उसमें सूर्य की रोशनी न आने दें।
    • धार्मिक स्थानों में चावल, गुड़ और चने की दाल भेंट करें।
    • किसी मिट्टी के बर्तन में ‘देशी खांड’ भरें और श्मशान भूमि के पास दफनाएं।

    मंगल का नौवें भाव में फल

    यह घर मंगल ग्रह के मित्र बृहस्पति का है। इस भाव में स्थित मंगल ग्रह बडों का आशिर्वाद और मदद दिलाकर जातक के लिए हर ढंग से अच्छा साबित होगा। जातक के भाइयों की पत्नियां जातक के लिए भाग्यशाली रहेंगी। सामान्यत: उसके अपने पिता की तरह कई भाई होंगे। भाइयों के साथ एक संयुक्त परिवार में रहने पर जातद के सुख में हर ओर से वृद्धि होगी। जातक अपनी उम्र के 28 वें वर्ष तक एक अत्यंत प्रतिष्ठित प्रशासनिक पद प्राप्त कर लेगा। जातक युद्ध से जुड़े सामान के व्यापार में भारी मुनाफा कमा सकता है।
    उपाय:
    • अपने बड़े भाई की आज्ञा मानें।
    • अपनी भाभी यानी भाई की पत्नी की सेवा करें।
    • नास्तिक न बनें और अपने पारंपरिक और धार्मिक रीति - रिवाजों का पालन करें।
    • धार्मिक और पूजा स्थलों पर चावल, दूध और गुड़ चढ़ाएं।

    मंगल का दसवें भाव में फल

    कुंडली में यह मंगल ग्रह की सबसे अच्छी स्थिति है, यह मंगल की उच्च की जगह है। यदि जातक किसी गरीब परिवार में पैदा हुआ है तो उसके जन्म के बाद उसका परिवार अमीर और संपन्न हो जाएगा। यदि वह किसी अमीर परिवार में पैदा हुआ है, तो उसके जन्म के बाद उसका परिवार अमीर और अमीर होता जाएगा। यदि जातक अपने भाइयों में सबसे बडा है तो वह समाज में एक अतिविशिष्ट होगा और खूब मान प्रतिष्ठा हासिल करेगा। जातक निर्भीक, साहसी, स्वस्थ और समाज में परंपराओं, मानदंडों और नियमों को निर्धारित करनें में पर्याप्त सक्षम होगा। हालांकि, यदि दूसरे भाव में राहु, केतु और शनि या शुक्र और चंद्रमा जैसे हनिकर ग्रह हों तो पूर्वोक्त लाभकारी प्रभाव कम हो जाते हैं। इसके अलावा यदि तीसरे भाव में कोई मित्र ग्रह भी स्थित है तो भी दसवें घर में स्थित मंगल ग्रह के परिणामों पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। यदि शनि तीसरे घर में स्थित है तो जातक अपने जीवन के अंतिम भाग में खूब धन और बहुत सारी जमीन जायदाद प्राप्त करेगा। साथ ही वह एक राजसी पद भी प्राप्त करेगा। मंगल दसम में हो और पांचवें घर में कोई भी ग्रह न हो तो चारों तरफ से समॄद्धि और खुशियां आती हैं।
    उपाय:
    • पैतृक संपत्ति और घर का सोना न बेचें।
    • घर में हिरण पालें।
    • दूध उबालते समय इस बात का खयाल रखें कि दूध उफन कर आग पर न गिरने पाए।
    • काने और निःसंतान व्यक्तियों की मदद करें।

    मंगल का ग्यारहवें भाव में फल

    क्योकि यह घर बृहस्पति और शनि ग्रह से प्रभावी होता है इसलिए इस घर में मंगल अच्छे परिणाम देता है। यदि बृहस्पति उच्च का हो तो मंगल बहुत अच्छे परिणाम देता है। जातक साहसी और आम तौर पर व्यापारी होता है।
    उपाय:
    • पैतृक संपत्ति कभी भी न बेचें।
    • किसी मिट्टी के बर्तन में शहद या सिंदूर रखना अच्छे परिणाम देगा।

    मंगल का बारहवें भाव में फल 

    यह घर बृहस्पति से प्रभावित घर होता है। इसलिए यहां पर मंगल और और बृहस्पति दोनों के अच्छे परिणाम मिलते हैं। यह राहू का पक्का घर भी कहा गया है इसलिए मंगल के यहां स्थित होने के कारण राहू का दुष्प्रभाव भी नहीं मिलता।
    उपाय:
    • सुबह खाली पेट शहद का सेवन करें।
    • मिठाई खाना और दूसरों को भी देने से जातक के धन की बृद्धि होती है।

    2 टिप्‍पणियां:

    1. I was very happy to know about Mars and also got to know us a lot.

      Is there trouble in your life? Do you have trouble getting married? Is it your Mangal Dosha? Can't you find a job? Is there a problem in promotion in your government job?

      If you are having problems in your life mentioned above, you can get a detailed online astrology report on any through AstroLaabh Best Astrology online report from Astrologers based on your horoscope chart.

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