Saturday, May 17.

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श्री साई जी की आरती 

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आरती श्री साई गुरुवार की परमानन्द सदा सुरवर की ॥ 
जाकी कृपा विपुल सुखारी दुःख, शोक, संकट, भयहारी ॥ 
शिरडी में अवतार रचय चमकार से तत्त्व दिखाया ॥ 
कितने भक्त शरण में आये वे सुख- शांति निरंतर पये॥ 
भाव धरे जो मनन में जैसा साई अनुभव हो वैसा॥ 
गुरु की उदी लगाव तन तो समाधान लाभत उस मनको ॥ 
साई नाम सदा जो गए उस पर कृपा करत गुरुदेव ॥ 
राम, कृष्णा, हनुमान रूप  में दे दर्शन जानत जो मन में ॥ 
विविध धर्म के सेवक आते दर्शन कर इच्छित फल पते ॥ 
जय बोलो साई बाबा की जय बोलो अवधूतगुरु की ॥ 
साई की आरती जो कोई गावे घर में बसी सुख, मंगल पावे ॥ 
अंनन्तकोट, भ्रह्माण्डनायक राजाधिराज, योगिराज ॥ 
जय जय जय साई बाबा की आरती श्री साई गुरुवार की ॥ 

श्री साई जी की आरती समाप्तम 



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