सर्व पितृ पक्ष पर क्या करना चाहिए?
हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। यह 16 दिन की अवधि होती है, जिसमें हम अपने पूर्वजों को तर्पण, श्राद्ध और दान के माध्यम से स्मरण करते हैं। माना जाता है कि इन दिनों में किए गए कर्म सीधे पितरों तक पहुँचते हैं और वे हमें आशीर्वाद देते हैं।
सर्व पितृ अमावस्या को विशेष महत्त्व दिया जाता है क्योंकि इस दिन सभी पितरों के लिए श्राद्ध और तर्पण किया जा सकता है।
पितृ पक्ष में क्या करना चाहिए?
1. तर्पण करना
गंगा जल, तिल और जल से पितरों का तर्पण करें।
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2. पितरों के लिए भोजन बनाना
श्राद्ध के दिन पितरों के नाम से खिचड़ी, पूड़ी, हलवा आदि भोजन बनाकर ब्राह्मण को खिलाएं।
3. दान और सेवा
गौदान, अन्नदान, वस्त्रदान और गरीबों को भोजन कराना बहुत शुभ माना जाता है।
4. दीप और धूप अर्पित करें
शाम के समय पितरों के नाम से दीप जलाएं और धूपबत्ती अर्पित करें।
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5. मंत्र जाप और प्रार्थना
पितरों की आत्मा की शांति के लिए "ॐ पितृदेवाय नमः" मंत्र का जाप करें।
सर्व पितृ पक्ष क्या न करें?
- पितृ पक्ष में मांसाहार, शराब और तामसिक भोजन न करें।
- दूसरों की निंदा या अपशब्दों से बचें।
- इस समय किसी को दुख देने वाले कार्य न करें।
निष्कर्ष
सर्व पितृ पक्ष हमारे पूर्वजों को स्मरण करने और उनका आशीर्वाद पाने का अवसर है। सच्चे मन से किए गए श्राद्ध, तर्पण और दान से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है।
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