संतान गोपाल मंत्र | Santan Gopal Mantra
।। ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते देहि में तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः ।।
|| ऊं देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते । देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।।
ज्योतिष के अनुसार उत्तम संतान की प्राप्ति के लिए जन्माष्टमी के दिन करीब 1 लाख बार इस मंत्र का जाप किया जाता है
संतान गोपाल मंत्र के नियमित जप से जो ऊर्जा उत्पन्न होती है उस से एक शिशु के जन्म के मार्ग में आने वाले सभी बाधाएं समाप्त हो जाती है; यह आपकी मानसिक शांति को बढ़ाएगा और आपको संतति का आशीर्वाद देगा। संतान गोपाल यंत्र से होने वाले विकिरण से गर्भवती माँ की गर्भ की रक्षा कर माँ और शिशु को सभी प्रकार की दुर्घटनाओं से बचाता है।
संतान गोपाल मंत्र के लिए प्रयोग की जाने वाली जप माला
- तुलसी माला
संतान गोपाल मंत्र के लिए प्रयोग किए जाने वाले फूल
- श्वेत पुष्प , पीत पुष्प
संतान गोपाल मंत्र जप का श्रेष्ठ समय या मुहूर्त
- शुक्ल पक्ष , चन्द्रावली , शुभ नक्षत्र , शुभ तिथि
संतान गोपाल मंत्र के लिए कुल जप संख्या
- १,२५००० बार
संतान गोपाल मंत्र के इष्ट
भगवान कृष्ण संतान गोपाल मंत्र के देवता हैं । संतान के रूप में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करना उन दंपतियों के लिए प्रभावशाली सिद्ध होता है जो संतान का सुख प्राप्त नहीं कर पाते हैं। यह मंत्र बाल गोपाल अर्थात भगवान कृष्ण को समर्पित है जो भगवान विष्णु का अवतार है ।
संतान गोपाल मंत्र के जाप के लाभ –
- संतान सुख की प्राप्ति में आ रही बाधाएं जड़ से समाप्त हो जाती हैं।
- लंबे समय तक संतान गोपाल मंत्र का जप करने से जातक को सुंदर और बुद्धिमान संतान की प्राप्ति होगी।
- जिन माताओं को गर्भधारण करने में दिक्कत आ रही है या फिर गर्भावस्था में ही जो महिलाएं अपने शिशु को खो देती हैं, उनके लिए यह मंत्र काफी उपयोगी है। इससे उन्हें स्वस्थ शिशु की प्राप्ती होगी।
- जो लोग संतान सुख की प्राप्ति की चेष्टा कर रहे हैं, उनके जीवन के खालीपन को दूर करने के लिए इस मंत्र का जाप बहुत सहायक होता है।
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