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    Dev Uthani Ekadashi Geet Lyrics (उठो देव जागो देव गीत) 

    Dev Uthani Ekadashi Geet Lyrics (उठो देव जागो देव गीत)

    भारत के वैष्णव संप्रदाय में देवोत्थान एकादशी के बाद  ही मांगलिक कार्य प्रारंभ होते हैं। इसलिए भारतीय संस्कृति में यह एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन विधि विधान से पूजा पाठ करना अनिवार्य माना गया है। यहां क्लिक करके आप पूजा विधि एवं देवउठनी ग्यारस की कथा पढ़ सकते हैं। लोकगीत के लिए कृपया स्क्रोल कीजिए।


    देवउठनी एकादशी पर आप खुद श्री हरी को उठाएं, गाएं ये गीत

    उठो देव बैठो देव, पाटकल्ली चट‌काओ देव, 

    आषाढ़ में सोए देव, कार्तिक में जागो देव।।

    कोरा कलशा मीठा पानी, उठो देव पियो पानी, 

    हाथ पैर चटकाओ देव, पूड़ी हलुआ खाओ देव।।

    क्वारों के ब्याह कराओ, ब्याहों के गौना कराओ, 

    तुम पर फूल चढ़ाये देव, घी का दिया जलायें देव।।

    आओ देव पधारो देव, तुमको हम मनायें देव।।


    ओने कोने रखे अनार, ये हैं किशन तुम्हारे यार, 

    जितनी खूंटी टांगू सूट, उतने इस घर जन्में पूत।।

    जितनी इस घर सीख सलाई, उतनी इस घर बहुएं आई।।

    जितने इस घर इंट ओ रोड़े, उतने इन घर हाथी घोडे।।

    गन्ने का भोग लगायो देव, दूध का भोग लगाओ देवं।।


    धान, सिंघाड़े, बेर, गाजरें, सब का भोग लगाओ देव, 

    बेगन का भोग लगायो देव, पूए का का भोग लगाओ देव।।

    चने की भाजी खाओ देव, 

    आज हमारे घर से आओ देव।।

    जो मन भाये खाओ देव, 

    क्वारों का घर बसवाओ देव।।



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