करवा चौथ की आरती- Karwa chauth ki aarti in hindi lyrics
Karwa Chauth Aarti:
सुहागिन महिलाओं के लिए करवा चौथ व्रत खास माना जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी प्रारंभ - 13 अक्टूबर 2022 को सुबह 01 बजकर 59 मिनट कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी समाप्त - 14 अक्टूबर 2022 को सुबह 03 बजकर 08 मिनट तक
पूजा का शुभ मुहूर्त
13 अक्टूबर 2022 को शाम 06 बजकर 01 मिनट से लेकर रात 07 बजकर 15 मिनट तक। इस दिन महिलाएं सुबह सूर्योदय से लेकर रात में चंद्रोदय होने तक व्रत रखती हैं। ये व्रत निर्जला रखा जाता है। यानी कि इसमें पानी और अन्न कुछ भी ग्रहण नहीं किया जाता है। शाम के समय इस व्रत का पूजन किया जाता है। जिसमें माता की ये आरती करना जरूरी माना गया है।
करवा चौथ क आरती
ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
ऊँ जय करवा मइया, माता जय करवा मइया ।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया ।। ऊँ जय करवा मइया।
सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी।
यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी ।। ऊँ जय करवा मइया।
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती।
दीर्घायु पति होवे , दुख सारे हरती ।। ऊँ जय करवा मइया।
होए सुहागिन नारी, सुख सम्पत्ति पावे।
गणपति जी बड़े दयालु, विघ्न सभी नाशे।। ऊँ जय करवा मइया।
करवा मइया की आरती, व्रत कर जो गावे।
व्रत हो जाता पूरन, सब विधि सुख पावे।। ऊँ जय करवा मइया।
करवा चौथ पर चंद्र दर्शन विधि:
चंद्रमा निकलने पर अपने पति देव के साथ छत पर छलनी, जल, मिठाई, पूजा की थाल लेकर जाएं। एक छलनी में दीपक जलाकर रख लें। उस छलनी से चंद्रमा के दर्शन करें चंद्र दर्शन करें फिर अपने पति के दर्शन करें। चंद्र देव की पूजा करें और उन्हें जल में दूध मिलकार अर्घ्य दें। चंद्र देव से अपने पति के अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाल जीवन की कामना करें। चंद्रमा की पूजा के बाद पति के पैर छूकर आशीर्वाद लें। फिर पति के हाथों से मिठाई तथा जल ग्रहण करके व्रत का पारण करें।
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