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     Vaisakhi Festival in Hindi (बैसाखी) 2022: वैसाखी (बैसाखी) 2022

    वैसाखी एक महत्वपूर्ण पंजाबी त्योहार है जो दुनिया भर में रहने वाले पंजाबी सिखों द्वारा मनाया जाता है। यह आमतौर पर हर साल 13 अप्रैल को मनाया जाता है। यह त्योहार फसल के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है और इसलिए, इसे बैसाखी के नाम से भी जाना जाता है। वैसाखी सिख भाईचारे, खालसा की जन्म तिथि का उत्सव है। यह भाईचारा है जो सिख धर्म के दसवें गुरु या गुरु गोबिंद सिंह जी के साथ शुरू हुआ था। यह ब्लॉग त्योहार के बारे में ही बात करेगा और इसे कैसे मनाया जाता है।
    Vaisakhi Festival in Hindi (बैसाखी) 2022 -Baisakhi- How to celebrate Baisakhi Festival

    सन् 1699 में बैसाखी के दिन ही सिखों के दसवें गुरु गोबिन्द सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। भारत के कई राज्यों, जैसे असम में ‘बोहाग बिहू’, पश्चिम बंगाल में ‘पोइला बैसाख’, ओडिशा में ‘महा विशुबा संक्रांति’, तमिलनाडु में ‘पुथांडू’ या ‘पुथुवरुषम’, केरल में ‘विशु’ के रूप में इस दिन नव वर्ष मनाते हैं। किसान अपनी नई फसल से लहलहाते खेतों को देख कर इस दिन भगवान को अपना धन्यवाद प्रकट करते हैैं। पाठक गण इस पर्व पर जानेंगे कि सतलोक में जहां हमेशा बैसाखी सा माहौल रहता है वहां हम पूर्णगुरु से नामदीक्षा लेकर कैसे जा सकते हैं?

    Vaisakhi Festival in Hindi (Baisakhi) 2022:

    • वैसाखी का पर्व इस वर्ष गुरुवार, 14 अप्रैल को मनाया जाएगा।
    • प्रमुख रूप से यह दिन हरियाणा, पंजाब, जम्मू और कश्मीर, उत्तरप्रदेश में वैसाखी या बैसाखी के रूप में मनाया जाता है।
    • सन् 1699 में बैसाखी के दिन गुरु गोबिन्द सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी।
    • बैसाखी के दिन ही सूर्य मेष राशि में संक्रमण करता है अतः इसे मेष संक्रांति भी कहते हैं।
    • सतलोक में हमेशा रहती है बैसाखी।
    • सुख, शांति, समृद्धि, मोक्ष चाहने वाली प्रभु प्रेमी सभी आत्माएं जाने महत्वपूर्ण संदेश।

    Vaisakhi (Baisakhi) 2022: वैसाखी या बैसाखी कब और कहाँ मनाया जाता है?

    Vaisakhi Festival in Hindi (बैसाखी) 2022- वैसाखी का पर्व इस वर्ष गुरुवार, 14 अप्रैल को मनाया जाएगा। यह त्योहार प्रमुख रूप से हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, पंजाब राज्यों में वैसाखी या बैसाखी के रूप में मनाया जाता है। साथ ही भारतवर्ष के कई राज्यों और समुदायों में यह अपने नव वर्ष और वसंत पर्वों को मनाया जाता है। पंजाब और हरियाणा भर में श्रद्धालु बैसाखी के त्योहार को गुरुद्वारों में मनाते हैं जो खालसा पंथ के स्थापना दिवस का प्रतीक है। 

    Vaisakhi (Baisakhi) in Hindi: वैसाखी का ऐतिहासिक महत्व

    वैसाखी (बैसाखी) 2022: वैसाखी के दिन गुरु गोबिंद सिंह ने सिखों को ललकारा था, जो अपनी जान देने के लिए तैयार हैं वे आगे आएं। वहाँ एकत्रित लगभग एक हजार लोगों की भीड़ में से केवल पांच लोग ही आगे आए। गुरु गोबिंद सिंह ने उन सभी पाँच स्वयंसेवकों को “अमृत” के साथ बपतिस्मा दिया। गुरुजी ने संत-सैनिकों के पांच सदस्यीय “खालसा” नामक समूह का गठन किया। 

    कैसे मनाते हैं बैसाखी?

    Vaisakhi Festival in Hindi (बैसाखी) 2022:: बैसाखी पर्व को खासतौर पर पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है। बैसाखी का पर्व कई मायनों में खास है, ऐसा माना जाता है कि बैसाखी के दिन ही गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ की स्‍थापना की थी। सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह द्वारा बैसाखी के दिन आनंदपुर साहिब में खालसा पंथ की नींव रखने के उपलक्ष्य में गुरुद्वारों में और सार्वजनिक उत्सवों के रूप में सिखों और हिंदुओं द्वारा बड़े पैमाने पर मनाया जाता है।   

    Vaisakhi (Baisakhi) 2022 [Hindi]: किसानों का पर्व है वैसाखी 

    बैसाखी का आगमन प्रकृति के परिवर्तन को दर्शाता है। सूर्य का मेष राशि में प्रवेश बैसाखी का आगमन है। बैसाखी पर्व विशेष रुप से किसानों का पर्व है। भारत के उत्तरी प्रदेशों विशेष कर पंजाब में बैसाखी पर्व के दौरान किसानों की गेहूँ की फसल पक कर तैयार हो जाती है और इस दिन गेहूं, तिलहन, गन्ने आदि की फसल की कटाई शुरू होती है। अपने खेतों में गेहूँ की भरी बालियां देख कर किसान फूले नहीं समाते, और भगवान को अपना धन्यवाद प्रकट करते है कि हमारी मेहनत आपकी कृपा से ही रंग लाई। 

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