नवरात्रों में क्या करना है और क्या नहीं करना चाहिए
नवरात्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारम्भ होते हैं। चैत्र नवरात्र हों या शारदीय नवरात्र नौ दिनों तक मां भगवती की पूजा का उत्सव चलता है। लोग मां से मनोकामनायें पूर्ण करने की उम्मीद लिये उपवास रखते हैं। रात भर माता का जागरण करते हैं। पंडितजी का कहना है कि नवरात्र पर्व की धूम देश के हर भाग में अलग−अलग तरह से देखने को मिलती है। जहां उत्तर भारत में मंदिरों में मां भगवती का पूरे श्रृंगार के साथ पूजन किया जाता है वहीं गुजरात और महाराष्ट्र में गरबा का आयोजन किया जाता है तो बंगाल में मनाया जाने वाला दुर्गोत्सव अलग ही छटा बिखेरता है। मां के मंदिरों विशेष रूप से जम्मू के कटरा स्थित माता वैष्णो देवी में तो नवरात्र में श्रद्धालुओं का तांता ही लग जाता है। लेकिन जाने अनजाने कुछ ऐसी गलतियां हो जाती हैं जिनसे बचना चाहिये। आइये बताते हैं आपको नवरात्र के दिनों में क्या सावधानियां रखनी चाहिये।
नवरात्र में क्या करें
नवरात्र में किन कार्यों को करना है पंडित जी नीचें कुछ विशेष बातों को ध्यान में रखने की सलाह दी है।
1. प्रतिदिन मंदिर जाना
नवरात्रों में प्रतिदिन व्यक्ति को माता जी के मंदिर में जाकर, माता जी का ध्यान करना चाहिए और अपने एवं परिवार की खुशहाली की प्रार्थना माता जी से करनी चाहिए।
2. देवी को जल अर्पित करना
शास्त्र बताते हैं कि यदि प्रतिदिन साफ़ जल, नवरात्रों में माता जी को अर्पित किया जाता रहे तो इस कार्य से माता जी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं।
3. नंगे पैर रहना और साफ़ कपड़े प्रयोग करना
यदि आप घर पर ही हैं और बाहर नहीं जाना है तो आपको स्वछता की दृष्टी से नंगे पैर रहना चाहिए। साथ ही साफ़ और पवित्र कपड़ों का ही प्रयोग व्यक्ति को करना चाहिए।
4. नौ दिनों तक व्रत रखना
आज यह बात विज्ञान भी मानने लगा है कि व्यक्ति यदि उपवास करता है तो इस कार्य से शरीर की सफाई हो जाती है। दूसरी तरफ भक्ति की दृष्टी से भी उपवास बहुत महत्वपूर्ण बताये गये हैं। आज कलयुग में उपवास एक तरह की तपस्या ही हैं।
5. नौ दिनों तक देवी का विशेष श्रृंगार करना
नवरात्रों में व्यक्ति को नौ दिनों तक देवी माता जी का विशेष श्रृंगार करना चाहिए। श्रृंगार में माता जी को चोला, फूलों की माला, हार और नये-नये कपड़ों से माता जी का श्रृंगार किया जाता है।
6. अष्टमी पर विशेष पूजा और कन्या भोजन कराना
माता जी के आठवें दिन, माता जी की विशेष पूजा का आयोजन किया जाना, शुभ बताया जाता है। इस पूजा के लिए यदि किसी ब्राह्मण की मदद ली जाए तो उत्तम रहता है और यदि ब्राह्मण ना हो तो खुद से, माता स्रोत पाठ और ध्यान पाठ करना चाहिए।
7. माता की अखंड ज्योति जलाना
नवरात्रे में माता जी की अखंड ज्योति यदि देशी गाय के घी से जलाई जाये तो यह माता जी को बहुत प्रसन्न करने वाला कार्य होता है। लेकिन अगर गाय का घी नहीं है तो अन्य घी से माता की अखंड ज्योति पूजा स्थान पर जरूर जलानी चाहिए।
8. ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें
नवरात्रों में एक बात का विशेष ध्यान सभी को रखना चाहिए कि यदि आप व्रत कर रहे हैं या नहीं कर रहे हैं लेकिन इन नौ दिनों में हर व्यक्ति को ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना चाहिए।
नवरात्र के दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए। इसकी विस्तृृत जानकरी पाने के लिये एस्ट्रोयोगी पर इंडिया के बेस्ट एस्ट्रोलॉजर्स से गाइडेंस लें।
नवरात्र के दिनों में क्या न करें
नवरात्र में किन्हीं कार्यों को करने से बचना है ज्योतिषाचार्य नीचें कुछ विशेष बातों को ध्यान में रखने की बात कह रहे हैं।
1. छौंक या बघार नहीं लगाएं
घर में यदि कोई व्यक्ति व्रत नहीं भी रख रहा है तब भी उसके लिए बनने वाला भोजन सात्विक हो। नौ दिनों तक घर में छौंक का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
2. लहसुन-प्याज का प्रयोग ना करें
नौ रात्रों में घर के अन्दर लहसुन और प्याज प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।
3. दाढ़ी, नाखून व बाल काटना नौ दिन बंद रखें
नवरात्रों में व्यक्ति को दाढ़ी, नाखून व बाल नहीं कटवाने चाहिए। शास्त्रों ने इस कार्य को, नवरात्रों में साफ़ मना किया है
4. मांस और मदिरा का प्रयोग ना करें
माता के नौ दिनों की भक्ति वाले दिनों में, मनुष्य को मांस और मदिरा का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
कोई टिप्पणी नहीं