Header Ads

  • Breaking News

    Shani Amavasya Remedy

    Shani Amavasya Remedy- Shanichari Amavasya Ke Upay- शनिश्चरी अमावस्या के उपाय

    Shani Amavasya: शनिवार के पड़ने वाली अमावस्या शनि अमावस्या (Shani Amavasya) के नाम से जानी जाती है। जिसे शनिश्चरी अमावस्या (Shanichari Amavasya) भी कहा जाता है। शनिवार को पड़ने के कारण इस अमावस्या (Amavasya) का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। उत्तर भारत में शनिश्चरी अमावस्या पर शनि जयंती (Shani Jayanti) मनाई जाती है। धर्म-कर्म, स्नान-दान और पितरों के तर्पण के लिये अमावस्या का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिये भी अमावस्या तिथि पर ज्योतिषीय उपाय किये जाते हैं। शनिश्चरी अमावस्या के दिन शनिदेव की पूजा का विधान है। इस दिन की गई पूजा से शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। अगर आप शनि अमावस्या के उपाय (Shani Amavasya Ke Upay) करते हैं तो आपके जीवन में किसी भी प्रकार का कष्ट नही रहेगा। तो आइए जानते हैं क्या हैं शनिश्चरी अमावस्या के उपाय - Shanichari Amavasya Ke Upay

    शनिश्चरी अमावस्या के उपाय 

    • शनि देव के भक्तों को शनि अमावस्या के दिन शनि मंदिर में जाकर शनि देव को नीले लाजवंती का फूल, तिल, तेल, गु़ड़ अर्पण करना चाहिए। शनि देव के नाम से दीपक जलाना चाहिए। 
    • पीपल वृक्ष की परिक्रमा करें। समय प्रात:काल मीठा दूध वृक्ष की जड़ में चढ़ाएं तथा तेल का दीपक पश्चिम की ओर बत्ती कर लगाएं तथा 'ॐ शं शनैश्चराय नम:' मंत्र पढ़ते हुए 1-1 दाना मीठी नुक्ती का प्रत्येक परिक्रमा पर 1 मंत्र तथा 1 दाना चढ़ाएं। पश्चात शनि देवता से कृपा प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करें। 
    • काली गाय, जिस पर कोई दूसरा निशान न हो, का पूजन कर 8 बूंदी के लड्डू खिलाकर उसकी परिक्रमा करें तथा उसकी पूंछ से अपने सिर को 8 बार झाड़ दें।
    • तिल से बने पकवान, उड़द की दाल से बने पकवान ग़रीबों को दान करें। 
    • पानी वाले 11 नारियल, काली-सफेद तिल्ली 400-400 ग्राम, 8 मुट्ठी कोयला, 8 मुट्ठी जौ, 8 मुट्ठी काले चने, 9 कीलें काले नए कपड़े में बांधकर संध्या के पहले शुद्ध जल वाली नदी में अपने पर से 1-1 कर उतारकर शनिदेव की प्रार्थना कर पूर्व की ओर मुंह रखते हुए बहा दें।
    • अमावस्या की रात्रि में आठ बादाम और आठ काजल की डिब्बी काले वस्त्र में बांधकर संदूक में रखें।
    • शनि यंत्र, शनि लॉकेट, काले घोड़े की नाल का छल्ला धारण करें। 
    • इस दिन नीलम या कटैला रत्न धारण करें, जो फल प्रदान करता है। 
    • काले रंग का श्वान कुत्ता इस दिन से पालें और उसकी भली प्रकार से सेवा करना शुरू करें।
    • शनिवार के दिन शनि देव की पूजा के पश्चात् उनसे अपने अपराधों एवं जाने-अनजाने जो भी आपसे पाप कर्म हुआ हो, उसके लिए क्षमा याचना करनी चाहिए।

    कोई टिप्पणी नहीं

    '; (function() { var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true; dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js'; (document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq); })();

    Post Top Ad

    Post Bottom Ad