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    Naina Devi Mata ji ki Aarti - नैना देवी माता जी की आरती 

    Naina Devi Aarti lyrics in hindi, Naina devi mandir

    नैनीताल में, नैनी झील के उत्त्तरी किनारे पर नैना देवी मंदिर स्थित है। 1880 में भूस्‍खलन से यह मंदिर नष्‍ट हो गया था। बाद में इसे दुबारा बनाया गया। यहां सती के शक्ति रूप की पूजा की जाती है। मंदिर में दो नेत्र हैं जो नैना देवी को दर्शाते हैं। नैनी झील के बारें में माना जाता है कि जब शिव सती की मृत देह को लेकर कैलाश पर्वत जा रहे थे, तब जहां-जहां उनके शरीर के अंग गिरे वहां-वहां शक्तिपीठों की स्‍थापना हुई। नैनी झील के स्‍थान पर देवी सती के नेत्र गिरे थे। इसीसे प्रेरित होकर इस मंदिर की स्‍थापना की गई है।

    श्री नैना देवी जी की आरती

    तेरा अदभुत रूप निराला,

    आजा! मेरी नैना माई ए |

    तुझपै तन मन धन सब वारूं,

    आजा मेरी नैना माई ए ||

    सुन्दर भवन बनाया तेरा,

    तेरी शोभा न्यारी |

    नीके नीके खम्भे लागे,

    अद्-भुत चित्तर करी

    तेरा रंग बिरंगा द्वारा || आजा

    झाँझा और मिरदंगा बाजे,

    और बाजे शहनाई |

    तुरई नगाड़ा ढोलक बाजे,

    तबला शब्त सुनाई |

    तेरे द्वारे नौबत बाजे || आजा

    पीला चोला जरद किनारी,

    लाल ध्वजा फहराये |

    सिर लालों दा मुकुट विराजे,

    निगाह नहिं ठहराये |

    तेरा रूप न वरना जाए || आजा

    पान सुपारी ध्वजा,

    नारियल भेंट तिहारी लागे |

    बालक बूढ़े नर नारी की,

    भीड़ खड़ी तेरे आगे |

    तेरी जय जयकार मनावे || आजा

    कोई गाए कोई बजाए,

    कोई ध्यान लगाये |

    कोई बैठा तेरे आंगन में,

    नाम की टेर सुनाये |

    कोई नृत्य करे तेरे आगे || आजा

    कोई मांगे बेटा बेटी,

    किसी को कंचन माया |

    कोई माँगे जीवन साथी,

    कोई सुन्दर काया |

    भक्तों किरपा तेरी मांगे || आजा

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