Radhe Krishna Holi 2020
Lathmar Holi In Barsana होली हिंदू धर्म का एक बहुत ही प्रमुख रंगों का त्यौहार है जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। वैसे तो यह त्यौहार पूरे भारत में बड़े जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है लेकिन उत्तर प्रदेश के मथुरा-जिले के नंदगाँव और बरसाना कस्बों में होली का यह त्यौहार बहुत ही अजीबोगरीब तरीके से मनाया जाता है। बता दें कि बरसाना मथुरा से लगभग 42 किलोमीटर और नंदगाँव 51 किलोमीटर दूर स्थित हैं और यह दोनों होली के दौरान उत्सव के लिए बेहद लोकप्रिय हैं। बरसाना में लट्ठमार होली फाल्गुन मास की नवमी को बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। इस ख़ास मौके पर कई मंदिरों की पूजा करने के बाद नंदगाँव के पुरुष बरसाना होली खेलने जाते हैं और बरसाना महिलाएं नदगांव होली खेलने आती हैं।
क्यों मनाई जाती है लठमार होली- Why Is Lathmar Holi Celebrated?
पौराणिक कथा के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि नंदगाँव के भगवान कृष्ण होली के दौरान बरसाना में राधा के शहर गए थे। भगवान कृष्ण को ‘गोपियों’ के साथ मित्रता के लिए भी जाना जाता था, और उन्होंने इस दिन राधा के चेहरे पर रंग लगाया। तब राधा जी की दोस्त और वहां की महिलाओं ने भगवान कृष्ण को बंधी बना लिया था और उन पर बास और डंडे मारकर बरसाना से निकाल दिया था। इस कथा के अनुसार होली के मौके पर हर साल भगवान कृष्ण के जीवन की इस घटना को लेकर मनोरंजन के रूप में लठामार होली मनाई जाती है। हर साल नंदगाँव के पुरुष बरसाना शहर में जाते हैं और वहाँ की महिलाएँ उनको उसी तरह लाठी और रंगों से खेलते हुए बाहर निकालती हैं।
कैसे मनाई जाती है लठमार होली- How Is Lathmar Holi Celebrated in Hindi
बरसाना में लठमार होली एक हफ्ते तक चलती है, जिसमें पुरुष और महिलाएँ रंगों गीतों, नृत्यों और निश्चित रूप से लठमार खेल में लिप्त होते हैं। नंदगाँव से बरसाना आने वाले पुरुष महिलाओं को गाने गाकर और उन्हें उकसाते हैं। महिलाएं गोपियों का काम करती हैं और मस्ती की धुन में पुरुषों पर लाठी बरसाती हैं। बरसाना की महिलाओं के हाथों लाठी खाने वाले बदकिस्मत पुरुषों को महिलाओं के कपड़े पहनना और सार्वजनिक रूप से नृत्य करना होता है। इस लठमार होली में चोंट लगने से बचने के लिए पुरुषों सुरक्षात्मक गियर पहने हुए आते हैं। इस लठमार होली में रंग सभी लोगों के उत्साह को बढाता है और इस खेल में शामिल होने वाले लोग श्रीकृष्ण और उनकी राधा को ‘श्री कृष्ण’ और ‘श्री राधे’ बोलते हुए याद करते हैं। इसके बाद अगले दिन बरसाना की महिलाएं नंदगाँव आती हैं और यह उत्सव जारी रहता है। इस होली के त्योहार को और खास बनाने के लिए दूध और कुछ जड़ी-बूटियों से बनी ‘ठंडाई’ नामक पेय भी पिया जाता है।
लठमार होली 2020 की तारीख – Lathmar Holi Barsana 2020 Date in Hindi
इस साल लठामार होली 9 मार्च 2020 को बरसाना में और 10 मार्च 2020 को नंदगाँव में होगी।
बरसाना में लठमार होली- Lathmar Holi In Barsana 2019 in Hindi
यह उत्सव बरसाना में राधा रानी मंदिर में होता है। बता दें की यह मंदिर राधा को समर्पित एकमात्र मंदिर है।
वृंदावन में होली – Holi At Vrindavan in Hindi
वृन्दावन बांके बिहारी मंदिर में यह खास होली का त्यौहार एक सप्ताह तक जारी रहता है जिसमें फूलों से बने रंग और गुलाल का इस्तेमाल किया जाता है। इस पवित्र त्यौहार पर बिहारीजी की मूर्ति को सफेद कपड़े पहने भक्तों द्वारा होली खेलने के लिए लाया जाता है। इसके बाद लोग पानी और रंगों के इस खेल में खो जाते हैं और संगीत के साथ नृत्य करते हैं।
बरसाना मथुरा का खाना – Food Of Mathura
वृंदावन आपको बता दें कि शहर के सबसे खास भोजन इसकी मिठाइयाँ और दुग्ध उत्पाद हैं। इसके अलावा यहां के पेडे यहां सबसे मुख्य है। इसके अलावा आपको मथुरा में खाने के लिए कचौरी, जलेबी, चाट, पानीपुरी, समोसा, ढोकला, आलू टिक्की और लस्सी भी मिल जाएगी। अगर आप भर पेट भोजन करना चाहते हैं तो स्वादिष्ट उत्तर भारतीय थाली ले सकते हैं।
बरसाना कैसे पहुंचे – How To Reach Barsana in Hindi
अगर आप होली के मौके पर बरसाना की लठमार होली को देखना चाहते है तो आपको बता दें कि नंदगांव का निकटतम रेलवे स्टेशन मथुरा है जो 12Kms की दूरी पर स्थित है। इसके अलावा आप हवाई जहाज और सड़क माध्यम से मथुरा पहुँच सकते हैं।
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