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    गौमाता जी आरती 


    आरती श्री गैया मैया की, आरती हरनी विश्व धैया की । 
    अर्थ काम सद्धर्म प्रदायिनी, अविचल अमल मुक्तिपादयिनि ॥ 
    सुर मानवव सौभाग्यविधयिनी, प्यारी पूज्य नन्द छाया की । 
    अखिल विश्व प्रतिपालिनी माता, मधुर अमिली दुग्धानां प्रदाता ॥ 
    रोग शोक संकट परित्राता, भवसागर हित दृढ़ नैया की । 
    आयु ओज आरोग्य विकाशिनी, दुःख दैन्य दारिदये विनाशनी ॥ 
    शुष्मा सौख्य समृद्धि प्रकाशिनि, विमल विवेक बुद्धि दैया की । 
    सेवक हो चाहे दुखदाई, सम पय सुधा पियावति माई ॥
    शत्रु - मित्र सबको सुखदायी, स्नेह सवभाव विश्व जैया की ॥ 

    गौमाता जी आरती समाप्तम 

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