गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा का पाठ: कैसे करें देवी की कृपा प्राप्त?
गुप्त नवरात्रि तांत्रिक साधना और मां दुर्गा की गुप्त उपासना का विशेष काल होता है। इस दौरान मां दुर्गा के विशेष पाठ और मंत्रों से साधक को अद्भुत शक्ति, शांति और सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं। आइए जानते हैं कि गुप्त नवरात्रि में कौन-कौन से पाठ करना चाहिए और उनकी क्या विधि है।
📖 गुप्त नवरात्रि में दुर्गा पाठ का महत्व
गुप्त नवरात्रि में की गई देवी उपासना सामान्य नवरात्रियों की अपेक्षा कई गुना अधिक फलदायी मानी जाती है। जो साधक मन, वचन और कर्म से मां की आराधना करता है, उसे जीवन में भय, कष्ट और संकटों से मुक्ति मिलती है।
🕉️ दुर्गा पाठ की विधि
प्रतिदिन सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें और शुद्ध स्थान पर मां दुर्गा की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाकर पाठ करें।
आप नीचे दिए गए पाठों में से एक या सभी कर सकते हैं:
🔱 गुप्त नवरात्रि में किए जाने वाले प्रमुख दुर्गा पाठ
1. दुर्गा सप्तशती (700 श्लोकों वाला पाठ)- तीन चरित्र: प्रथम (मधु-कैटभ वध), मध्य (महिषासुर वध), उत्तर (शुंभ-निशुंभ वध)
- यह पाठ नवदुर्गा की शक्ति को जाग्रत करता है।
- छोटा, प्रभावशाली पाठ जो बाधाओं से रक्षा करता है।
3. कीलक स्तोत्र
- सप्तशती पाठ से पहले करने से सिद्धियों की प्राप्ति होती है।
4. देवी कवच
- 108 बार ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे’ मंत्र का जप
5. ललिता सहस्रनाम (यदि समय हो तो)
6.मां दुर्गा की विधिवत पूजा करें।
📿 विशेष मंत्र जप
"ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे"
इस बीज मंत्र का गुप्त नवरात्रि में 108, 1008 या अधिक बार जप करें।
🪔 क्या रखें ध्यान में?
- व्रत रखें या सात्विक भोजन करें।
- नवरात्रि के सभी 9 दिन नियमित पूजा-पाठ करें।
- समय न होने पर केवल "देवी कवच + अर्गला + कीलक + सप्तशती के तीन अध्याय" करें।
🙏 समापन
गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा का सच्चे मन से पाठ करने से साधक को अद्भुत आत्मबल, शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। यह साधना आपकी आत्मा को देवी से जोड़ती है और जीवन में हर क्षेत्र में सफलता की राह खोलती है।
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