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     पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 LIVE: त्रिदेव रथ पर विराजमान, छेरा पहनरा की तैयारी शुरू

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    चतुर्भुज जगन्नाथः, कण्ठ शोभित कौस्तुभः।

    पद्मनाभो, वेदगर्वः, चन्द्रसूर्य विलोकनः।

    जगन्नाथः, लोकनाथः, नीलाद्रिः सः परो हरिः।

    दिनबन्धुः, दयासिन्धुः, कृपालुः च न रक्ष्यकः।


    🙏 जय जगन्नाथ!

    फिर से वही पावन समय आ गया है, जब महा प्रभु जगन्नाथ — इस सृष्टि के पालनहार — अपने गर्भगृह से बाहर आकर भक्तों को दर्शन देते हैं। ओडिशा के पुरी शहर में भक्तिभाव की लहर दौड़ रही है क्योंकि रथ यात्रा 2025 का भव्य आरंभ हो चुका है।


    शुभारंभ हुआ रथों का जुलूस

    देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पुरी पहुंचे हैं इस दिव्य और अनोखे त्योहार को देखने के लिए। यह पर्व विश्व के सबसे प्राचीन और विशाल धार्मिक आयोजनों में से एक है।

    "जय जगन्नाथ" और "हो भक्ते" के जयघोषों से पूरी धरती गूंज रही है।


    जगन्नाथ जी, बलभद्र जी और सुभद्रा जी के विशाल रथ अब सिंहद्वार (श्रीमंदिर) के सामने खड़े हैं और तैयार हैं बड़दंडा (ग्रैंड रोड) पर चलने के लिए। इसके पूर्व निम्न दो मुख्य अनुष्ठान संपन्न होते हैं:


    पाहंडी बीजे: जिसमें भगवान को श्रद्धापूर्वक रथ तक लाया जाता है।


    छेरा पहनरा: पुरी के गजपति महाराज स्वर्ण झाड़ू से रथ की सफाई करते हैं, जो समर्पण और विनम्रता का प्रतीक है।


    क्या है जगन्नाथ रथ यात्रा?

    रथ यात्रा, जिसे चariot Festival भी कहा जाता है, ओडिशा के पुरी शहर में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला त्योहार है। यह यात्रा श्री जगन्नाथ मंदिर (श्रीमंदिर) से प्रारंभ होकर गुंडिचा मंदिर तक जाती है, जिसे भगवान की मौसी का घर माना जाता है।


    यह केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि सर्वसमावेशी एकता का प्रतीक है — जहां जाति, धर्म, या वर्ग कोई भी हो, हर कोई प्रभु के दर्शन कर सकता है, रथ को खींच सकता है, और इस आध्यात्मिक यात्रा का हिस्सा बन सकता है।


    त्रिदेवों के रथ

    • नंदीघोष – भगवान जगन्नाथ का रथ (16 पहिए, ऊँचाई: 45.6 फीट)
    • तलध्वज – भगवान बलभद्र का रथ (14 पहिए, ऊँचाई: 44 फीट)
    • दर्पदलन (पद्मध्वज) – देवी सुभद्रा का रथ (12 पहिए, ऊँचाई: 43 फीट)


    इन रथों का हर साल नया निर्माण होता है, और यह कार्य पवित्र नीम की लकड़ी से विशेष शिल्पियों द्वारा किया जाता है।


    आध्यात्मिक महत्व

    रथ यात्रा केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक आत्मसमर्पण की यात्रा है। जब भगवान स्वयं मंदिर से बाहर निकलते हैं, तो वह हर भेद मिटा देते हैं — जाति का, वर्ग का, और सामाजिक दीवारों का। वे स्वयं हर भक्त से मिलने आते हैं, उन्हें आशीर्वाद देने, और उनके साथ चलने के लिए।


    देखें रथ यात्रा 2025 LIVE

    यदि आप पुरी नहीं पहुंच सके, तो भी रथ यात्रा 2025 को आप लाइव देख सकते हैं:

    • दूरदर्शन टीवी पर
    • YouTube लाइव चैनलों पर
    • ओडिशा सरकार और श्रीमंदिर की आधिकारिक वेबसाइटों पर

    प्रमुख सर्च कीवर्ड:

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    निष्कर्ष

    जब रथ चलते हैं और भक्तिभाव की गूंज आकाश तक पहुँचती है, तब यही प्रार्थना है कि भगवान जगन्नाथ आप पर कृपा बरसाएं — स्वास्थ्य, शांति और आत्मिक शुद्धि के रूप में। चाहे आप पुरी में हों या कहीं और, इस पर्व की भावना सबको जोड़ती है।


    🛕 जय जगन्नाथ!


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