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     🌑 Ashadha Amavasya 2025: तिथि, शुभ मुहूर्त, और धार्मिक महत्व

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    Ashadha Amavasya हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि होती है। यह तिथि खासतौर पर पितरों की शांति, आध्यात्मिक साधना, पवित्र स्नान, और दान-पुण्य के लिए मानी जाती है।


    📅 आषाढ़ अमावस्या 2025 की तिथि और मुहूर्त

    तिथि विवरण             समय

    अमावस्या तिथि प्रारंभ     24 जून 2025, मंगलवार, सुबह 06:59 बजे

    अमावस्या तिथि समाप्त     25 जून 2025, बुधवार, दोपहर 04:00 बजे


    इस अवधि में किसी भी समय पितृ तर्पण, दान, और ध्यान किया जा सकता है।


    📜 पौराणिक मान्यता

    पुराणों के अनुसार, अमावस्या तिथि पर पितृ लोक हमारे लोक के निकट आते हैं। इस दिन पवित्र नदी में स्नान, तर्पण, और पितरों के नाम पर दान करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और परिवार पर शुभ फल की प्राप्ति होती है।


    🌎 क्षेत्रीय महत्व

    • उत्तर भारत में: इसे पितृ शांति और जल तर्पण का अत्यंत शुभ दिन माना जाता है।
    • दक्षिण भारत में: विशेष रूप से पीपल वृक्ष की पूजा और व्रत का पालन किया जाता है।
    • गंगा या तीर्थ स्नान: हरिद्वार, प्रयागराज, वाराणसी, नासिक आदि में स्नान करने से विशेष फल मिलता है।

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    🧘‍♀️ उपवास और पूजा विधि

    • प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
    • तांबे के लोटे में जल, काला तिल, दूध और पुष्प डालकर तर्पण करें।
    • दीपक जलाकर पूर्वजों को स्मरण करें।
    • गायों, ब्राह्मणों, जरूरतमंदों को भोजन व वस्त्र दान दें।
    • व्रत रखने से मानसिक शांति और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।


    ✨ आध्यात्मिक लाभ

    • पितृ दोष से मुक्ति
    • घर में सुख-शांति की वृद्धि
    • मनोकामना पूर्ति
    • आत्मिक शुद्धि और कर्म शुद्धि


    📖 मंत्र और पाठ

    • ॐ नमः भगवते वासुदेवाय
    • ॐ पितृभ्यो नमः
    • विष्णु सहस्रनाम, गीता का पाठ, या गरुड़ पुराण का श्रवण लाभकारी माना जाता है।


    🪔 निष्कर्ष (Conclusion)

    Ashadha Amavasya 2025 आध्यात्मिक साधना, पितृ तर्पण और दान का अद्भुत संयोग है। यह दिन आत्मा की शुद्धि और पितरों के आशीर्वाद से भरा होता है। आप इस दिन श्रद्धा और भक्ति से पूजन करके अपने जीवन में सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा ला सकते हैं

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