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     Brahma Temple, Pushkar : ब्रह्मा मंदिर, पुष्कर

    Brahma Temple, Pushkar : ब्रह्मा मंदिर, पुष्कर

    ब्रह्मा जी का मंदिर राजस्थान के अजमेर जिले के पुष्कर में स्थित है और इसे जगतपिता ब्रह्मा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर पवित्र पुष्कर झील के पास स्थित है, जो तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल है।

    इस मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व बहुत गहरा है। मान्यता है कि यह मंदिर ब्रह्मा जी द्वारा किए गए यज्ञ के कारण अत्यंत पवित्र है। साथ ही, इसकी वास्तुकला और धार्मिक अनुष्ठानों का महत्व इसे अनोखा बनाता है। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यहां भारी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित होते हैं, जिससे यह स्थान और भी जीवंत हो जाता है।

    Brahma Temple, Pushkar : ब्रह्मा मंदिर, पुष्कर


    ब्रह्मदेव का सबसे प्रसिद्ध और भव्य मंदिर भारत देश के राजस्थान राज्य के पुष्कर जिले में स्थित है। ब्रह्मदेव को सृष्टि कर्ता कहा जाता है। ब्रह्मदेव मंदिर के पास एक पुष्कर झील भी है, जिसमें भक्त स्नान करने के पश्चात् मंदिर में दर्शन करने के लिए जाते हैं। मंदिर की मूल संरचना लगभग 2000 वर्ष पुरानी है। इस मंदिर के दो भाग हैं, – ऊंची पहाड़ी पर ब्रह्मदेव की पहली पत्नी सरस्वती का मंदिर है, जबकि नीचे की ओर पहाड़ी पर गर्भ ग्रह में ब्रह्मदेव तथा उनकी दूसरी पत्नी गायत्री विराजमान हैं।


    मंदिर के गर्भ ग्रह में ब्रह्मदेव की संगमरमर से बनी मूर्ति है। इस मंदिर की संरचना अति भव्य है। ब्रह्मा मंदिर के मुख्य द्वार पर ब्रह्मदेव का वाहन हम्सा (हंस) भी है और लगभग 70 फीट ऊंचा एक लाल शिखर है, जो मंदिर की शोभा में चार चांद लगाता है। मंदिर में दर्शन करने के लिए कार्तिक का महीना सबसे उपयुक्त माना गया है। कार्तिक माह की पूर्णिमा को उत्सव के रूप में मनाते हैं। यह उत्सव ब्रह्मदेव को समर्पित होता है।

    हिंदू धर्म में ब्रह्मा जी को सृष्टि के रचयिता के रूप में पूजा जाता है। हालांकि, उनके मंदिर भारत में बहुत कम हैं। राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित पुष्कर का ब्रह्मा मंदिर विश्व प्रसिद्ध है और इसे ब्रह्मा जी का एकमात्र मुख्य मंदिर माना जाता है।


    इस मंदिर का निर्माण लगभग 14वीं शताब्दी में किया गया था और यह पुष्कर झील के निकट स्थित है। मान्यता है कि ब्रह्मा जी ने यहीं पर यज्ञ किया था, और यह स्थान धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।

    इस मंदिर की वास्तुकला अद्भुत है और हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा पर यहां विशेष मेले और उत्सव का आयोजन होता है, जो भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करता है।

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