श्री गणेश स्तुति - Shri Ganesh Stuti
॥ श्रीगणेशस्तुती ॥
वन्दे गजेन्द्रवदनं वामाङ्कारूढवल्लभाश्लिष्टम् ।
कुङ्कुमरागशोणं कुवलयिनीजारकोरकापीडम् ॥ १॥
विघ्नान्धकारमित्रं शङ्करपुत्रं सरोजदलनेत्रम् ।
सिन्दूरारुणगात्रं सिन्धुरवक्त्रं नमाम्यहोरात्रम् ॥ २॥
गलद्दानगण्डं मिलद्भृङ्गषण्डं,
चलच्चारुशुण्डं जगत्त्राणशौण्डम् ।
लसद्दन्तकाण्डं विपद्भङ्गचण्डं,
शिवप्रेमपिण्डं भजे वक्रतुण्डम् ॥ ३॥
गणेश्वरमुपास्महे गजमुखं कृपासागरं,
सुरासुरनमस्कृतं सुरवरं कुमाराग्रजम् ।
सुपाशसृणिमोदकस्फुटितदन्तहस्तोज्ज्वलं,
शिवोद्भवमभीष्टदं श्रितततेस्सुसिद्धिप्रदम् ॥ ४॥
विघ्नध्वान्तनिवारणैकतरणिर्विघ्नाटवीहव्यवाट्,
विघ्नव्यालकुलप्रमत्तगरुडो विघ्नेभपञ्चाननः ।
विघ्नोत्तुङ्गगिरिप्रभेदनपविर्विघ्नाब्धिकुंभोद्भवः,
विघ्नाघौघघनप्रचण्डपवनो विघ्नेश्वरः पातु नः ॥ ५॥
श्री गणेश स्तुति
श्री गणेश स्तुति के लाभ
- श्री गणेश स्तुति करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है
- श्री गणेश स्तुति करने से सब विघ्न दूर होते है
- श्री गणेश स्तुति करने से दुःख दरिदरता भी दूर होती है
- गणेश स्तुति करने से गणेश जी प्रसन होते है और उनकी असीम कृपा मिलती है
- यह स्तुति करने से नकरात्मक ऊर्जा की समाप्ति होती है
कोई टिप्पणी नहीं