Khatushyamji Temple Closed : खाटूश्यामजी मंदिर अनिश्चितकाल के लिए बंद होने की असली वजह क्या है?
Khatu Shyam mandir open or closed :
खाटूश्यामजी मंदिर अनिश्चितकाल के लिए क्यों किया बंद, जानिए असली वजहराजस्थान के सीकर जिले में खाटूश्यामजी मंदिर अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है। श्याम भक्त 13 नवंबर 2022 को रात दस बजे के बाद से खाटू में बाबा श्याम के दर्शन नहीं कर सकेंगे। श्री श्याम मंदिर कमेटी खाटूश्यामजी सीकर के अध्यक्ष शम्भू सिंह चौहान ने खाटू मंदिर रहने की जानकारी देने के साथ ही श्याम भक्तों से अपील की है कि सभी भक्त आगामी आदेशों के बाद ही बाबा श्याम के दर्शन करने खाटू आएं।
खाटूश्यामजी मंदिर अनिश्चितकाल के लिए बंद
Khatushyamji मंदिर करने की वजह खाटूश्यामजी मंदिर अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की वजह यह बताई जा रही है कि मंदिर में श्याम भक्तों के लिण् सुलभ एवं सुगम दर्शन व्यवस्था के लिए मुख्य प्रवेश द्वार और निकासी के रास्ते का विस्तार समेत अन्य कई व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के काम किए जाने हैं। खाटूश्यामजी के फाल्गुन लक्खी मेले में देशभर से लाखों श्याम भक्त यहां पहुंचते हैं। श्याम भक्तों की भीड़ के चलते अगस्त 2022 में खाटू श्याम जी मंदिर में भगदड़ मचने के कारण 3 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी।
खाटूश्यामजी फाल्गुन लक्खी मेला 2023
खाटूश्यामजी फाल्गुन लक्खी मेला 2023 से पहले खाटू मंदिर में दर्शन सुविधाओं के विस्तार को लेकर जिला कलक्टर डॉ. अमित यादव ने मेला मजिस्ट्रेट कार्यालय में अधिकारियों की बैठक ली। सीकर जिला कलक्टर डॉ. अमित यादव ने बैठक में निर्देश दिए कि दिन-प्रतिदिन बढ़ती भीड़ को कंट्रोल करने के लिए बाबा श्याम के मंदिर का विस्तार फाल्गुन मेला 2023 से पहले करना जरूरी है।
पार्किंग को विकसित करने के निर्देश दिए सीकर जिला कलेक्टर ने नगर पालिका अधीशाषी अधिकारी को खाटूश्यामजी में साफ-सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने, अतिक्रमण हटाने, कनर्वजन के लिए लोगों को पांबद करने तथा अतिक्रमण नहीं हटाने पर सीज की कार्यवाही करने के निर्देश दिए। नगरपालिका, श्याम मंदिर कमेटी सफाई व्यवस्था के लिए 15 नवम्बर से 25 सफाईकर्मी व एक ट्रेक्टर दर्शन मार्ग में सफाई के लिए लगाएगी। उन्होंने मंदिर कमेटी को 75 फीट जिगजेग का कार्य 31 दिसम्बर 2022 तक पूर्ण करवाने के साथ ही लखदातार ग्राउण्ड में स्थाई जिगजेग व टीनशेड से कवर करने और पार्किंग को विकसित करने के निर्देश दिए।
प्रवेश द्वार पर निशान रखने के लिए व्यवस्था सीकर जिला कलेक्टर ने मंदिर कमेटी को लखदातार मैदान व प्रवेश द्वार पर निशान रखने के लिए व्यवस्था की जाने, लखदातार मैदान के बाहर निकास द्वार पर गेट लगाए जाने, श्याम मंदिर में दर्शन को आने वाले श्याम भक्तों को असुविधा न हो। इसके लिए दर्शन मार्ग का विस्तार किया जाए, जिससे श्याम भक्त सुगमतापूर्वक दर्शन कर सकें। बैठक में निर्णय हुआ कि फतेहाबाद धर्मशाला के सामने वाले रास्ते पर श्री श्याम मंदिर कमेटी द्वारा सीसी रोड का निर्माण करवाया जाएगा। कृष्णा सर्किट योजना में बने रेस्ट रूम, शौचालय,आवास रूम को भी शुरू करने के निर्देश दिए।
दुकानदार को स्वयं का कचरा पात्र रखना होगा जिला कलेक्टर सीकर ने खाटू कस्बे में भिखारियों को भी पूर्णतया हटाने के लिए तहसीलदार विपुल चौधरी व थानाधिकारी सुभाष यादव को निर्देशित किया गया है। बैठक में बताया गया कि कस्बे के प्रत्येक दुकानदार को स्वयं का कचरा पात्र रखना होगा।ऐसा नहीं करने पर नगरपालिका दुकानदार का चालान काटेगी इसके साथ ही सड़कें, पाइपलाइन, गंदे पानी की निकासी व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए गए। बैठक के बाद जिला कलेक्टर ने खाटूश्यामजी राजीवका स्वयं सहायता समूह द्वारा निर्मित उत्पादों के खरीदारी मेले का निरीक्षण किया।
बैठक में अधिकारी मौजूद थे बैठक में पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप, उपखंड अधिकारी प्रतिभा वर्मा, वृताधिकारी विजय सिंह, तहसीलदार विपुल चौधरी, श्री श्याम मंदिर कमेटी के ट्रस्टी प्रताप सिंह चौहान, संतोष शर्मा,विकास शर्मा,विद्युत विभाग के सहायक अभियंता अश्वनी कुमार, सार्वजनिक निर्माण विभाग की अल्का मील, नगरपालिका स्वास्थ्य निरीक्षक वीरेन्द्र सिंह चंदेलिया, लेखाकार विष्णु जांगिड़ सहित कर्मचारी, अधिकारी मौजूद थे।
नागर शैली में संगमरमर से दिव्य व भव्य होगा Khatushyamji का दरबार, 200 करोड़ रुपए होंगे खर्च
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सीकर/खाटूश्यामजी. यदि सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ तो तीन साल बाद बाबा श्याम का दरबार ओर भी दिव्य व भव्य स्वरूप में नजर आएगा।
Khatushyamji's new temple will be built with 200 crores.
सीकर/खाटूश्यामजी यदि सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ तो तीन साल बाद बाबा श्याम का दरबार ओर भी दिव्य व भव्य स्वरूप में नजर आएगा। बाबा श्याम के प्रस्तावित नए मंदिर को लेकर एक बार फिर मंदिर कमेटी ने जल्द काम शुरू कराने का दावा किया है। कमेटी के अनुसार पुराने मंदिर के स्थान पर ही नए मंदिर का निर्माण होगा। प्रस्तावित नया मंदिर नागर शैली में करीब 151 फीट ऊंचा तथा तीन हजार वर्ग फीट परिसर में होगा। मंदिर के नए स्वरूप का खाका तैयार कर लिया गया है। श्याम मंदिर कमेटी के ट्रस्टी प्रताप सिंह चौहान ने बताया कि समिति ने मंदिर निर्माण करीब तीन साल में पूरा करने का संकल्प लिया है। मंदिर निर्माण को लेकर समिति के सभी पदाधिकारियों व सेवक परिवार की उपस्थिति में फाल्गुनी लक्खी मेले की नवमी पर एक वीडियो लांच किया।
मंदिर के नए स्वरूप के बाद श्रद्धालुओं के लिए बाबा श्याम के दर्शन ओर सुगम हो सकेंगे।
सफेद संगमरमर से दमकेगा मंदिर
हारे के सहारे बाबा श्याम का नया मंदिर सफेद संगमरमर के पत्थरों से दमकेगा। रात को धवल चांदनी में भी एक अलौकिक भव्यता बनेगी। मुख्य आर्किटेक्ट स्नेहल पटेल ने बताया कि मंदिर में देश विदेश के सफेद संगमरमर का उपयोग किया जाएगा। मूलत: गुजरात के आनंद व हाल कनाडा निवासी स्नेहल पटेल भारत में स्वामी नारायण, राधे-राधे, पीतांबर दिगंबर ही नहीं बल्कि अमरीका, कनाडा, यूके ओस्ट्रेलिया में भी भव्य मंदिरों का खाका तैयार कर चुके हैं। स्नेहल 23 साल से कनाडा में रहकर देश-विदेश में अनेकों मंदिरों की डिजाइन तैयार कर रहे हैं।
दस गुना ज्यादा श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन
वर्तमान में मंदिर में स्थानाभाव के कारण करीब 50 श्रद्धालु एक साथ दर्शन कर पा रहे हैं। नया मंदिर निर्माण के बाद वर्तमान से दस गुना ज्यादा श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। मंदिर में तीन द्वार होंगे। मुख्य प्रवेश द्वार वर्तमान की तरह पूर्व दिशा में खुलेगा। निकासी का एक बड़ा द्वार उत्तर दिशा में खुलेगा। एक वैकल्पिक मार्ग बनेगा, जो पूर्व दिशा में ही रहेगा।
गोपीनाथ व सिंहपोल हनुमान मंदिर का निर्माण शुरू
भक्तों को मंदिर के उत्तर निकाश द्वार से निकलते ही गोपीनाथजी व सिंहपोल हनुमानजी के दर्शन होंगे। इन दोनों मंदिरों का काम भी शुरू हो चुका है। वर्तमान में यह मंदिर मुख्य मंदिर में ही छोटे स्वरूप में स्थापित है।
क्या है नागर शैली/ what is nagar style
यह शैली उत्तर भारत की स्थापत्य कला की शैली है। नागर शैली की दो बड़ी विशेषताएं हैं। इसकी विशिष्ट योजना और विमान। इसकी मुख्य भूमि आयताकार होती है। जिसमें बीच में और दोनों ओर कृमिक विमान होता है। जिसमें पूर्ण आकार तिकोणा हो जाता है। मंदिर के सबसे ऊपर शिखर होता है। जिसे रेखा शिखर भी कहते है।
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