Ganga Dussehra 2021: गंगा दशहरा, पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्त्व
हिंदू धर्म में ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है। आइए जानते है की इस साल कब मनाया जाएगा यह त्यौहार और इसका महत्व को भी बताते है-
शास्त्रों और हिन्दू मान्यताओं के अनुसार हर एक पर्व का विशेष महत्त्व है। ऐसे ही महत्त्वपूर्ण पर्वों में से एक है गंगा दशहरा का त्यौहार। यह पावन पर्व हर साल ज्येष्ठ माह शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन मुख्य रूप से पवित्र नदियों (holy rivers )में स्नान करना महत्त्वपूर्ण माना जाता है।
कहा जाता है कि इस दिन गंगा जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यही नहीं इस दिन दान पुण्य करने का भी विशेष महत्त्व है।
गंगा दशहरा का पावन त्यौहार हर साल ज्येष्ठ माह शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। आमतौर पर ज्येष्ठ का महीना जून के महीने में होता है। इस बार गंगा दशहरा का त्यौहार 20 जून, 2021, रविवार को मनाया जाएगा। इस दिन भक्तों का पवित्र नदी में स्नान करना शुभ फल देता है। मान्यता यह भी है कि यदि किसी वजह से नदी में स्नान कर पाना संभव न भी हो तब भी स्नान के जल में थोड़ा गंगा जल मिलाकर स्नान करना लाभकारी होता है और इससे भी पापों से मुक्ति मिलती है।
गंगा दशहरा शुभ मुहूर्त
- ज्येष्ठ मास दशमी तिथि आरंभ 19 जून 2021, शनिवार, शाम 06:50 बजे से
- दशमी तिथि समापन 20 जून 2021, रविवार शाम 04:25 बजे
- उदया तिथि में दशमी तिथि 10 जून को पड़ रही है इसलिए इसीदिन गंगा दशहरा मनाया जाएगा।
पवित्र नदी में स्नान शुभ
हिन्दू धर्म में गंगा दशहरा का विशेष महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन गंगा मैया स्वर्ग से उतरकर पृथ्वी पर आईं थीं। तभी से माता गंगा को पूजने की परंपरा चली आ रही है। गंगा माता के अवतरण दिवस के रूप में इस पर्व को बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन नदी में डुबकी लगाना अत्यंत शुभ होता है। मुख्य रूप से काशी, हरिद्वार और प्रयागराज में गंगा माता का मुख्य रूप से पूजन और आरती की जाती है साथ ही श्श्रद्धालुगण गंगा नदी में स्नान करते हैं।
नदी में दीपक प्रज्ज्वलित किए जाते हैं
कैसे करें पूजन
- इस दिन प्रातः जल्दी उठें और यदि घर में स्नान कर रहे हैं तो पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें।
- यदि संभव हो तो नदी में स्नान जरूर करें। स्नान के बाद सूर्य देवता को अर्घ्य देकर नमन करें।
- ओम् श्री गंगे नमः मंत्र का उच्चारण मां गंगा का ध्यान करें।
- गंगा मां की पूजा के बाद गरीब, ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को दान दें।
- दान के रूप में आटा , दाल चावल या धन देना शुभ होता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, गंगा दशहरा के दिन गंगा मां की आराधना और नदी में स्नान करने व्यक्ति को दस प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है। गंगा ध्यान एवं स्नान से प्राणी काम, क्रोध, लोभ, मोह, परनिंदा जैसे पापों से मुक्त हो जाता है। यही नहीं स्नान मात्र से सभी कष्टों से मुक्ति के साथ पुण्य फलों की प्राप्ति भी होती है।
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