Magh Purnima 2021: माघ पूर्णिमा, क्या है पूजा का शुभ-मुहूर्त?
माघ पूर्णिमा शुभ-मुहूर्त
- माघ पूर्णिमा आरंभ- 26 फरवरी 2021 दिन शुक्रवार को शाम 3 बजकर 49 मिनट से।
- माघ पूर्णिमा समाप्त- 27 फरवरी 2021 दिन शनिवार दोपहर 1 बजकर 46 मिनट पर।
पूजा विधि प्रात:काल स्नानादि से निवृत्त होकर अपने घर के पूजा स्थान को शुद्ध-स्वच्छ करें। उसके बाद सामने आसन या चौकी पर मां लक्ष्मी और विष्णु भगवान की मूर्ति या फोटो रखें। मूर्ति या तस्वीर के चारों ओर गंगाजल से छिड़काव करे। उसके बाद दीपक, फूल, तिल और खीर बनाकर भगवान की सच्चे मन से पूजा करेंष सायंकाल में चंद्रोदय के समय घी के 11 दीपक लगाएं और चंद्रमा को अर्ध्य दें। बहुत लोग पूर्णिमा के दिन व्रत भी रखते हैं और कुछ लोग उस दिन नमक का सेवन नहीं करते हैं। जो लोग उपवास रखते हैं उन्हें चांद को अर्ध्य देने के बाद सात्विक भोजन कर लेना चाहिए।
आर्थिक सुख के लिए ऐसे करें मां लक्ष्मी को प्रसन्न पूर्णिमा की रात में अपने घर में घी के 21 दीपक लगाकर लक्ष्मी चालीसा का पाठ करना चाहिए। मां लक्ष्मी की पूजा करते समये झाड़ू की भी पूजा करनी चाहिए। मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित कर 'ऊं महालक्ष्म्यै नम:" मंत्र की 11 माला जाप करें। पूर्णिमा की रात्रि वैजयंती माला से भगवान विष्णु के मंत्र 'ऊं नमो भगवते वासुदेवाय" का जाप करें। मां लक्ष्मी की पूजा उनके बेटे गणेश जी के साथ करें और उनके मनपसंद लड्डू का भोग लगाएं।
इस दिन क्या ना करें
- ये दिन बेहद पावन है इसलिए इस दिन कुछ ऐसा ना करें जिससे घर में क्लेश हो।
- घर में मांस-मदिरा का सेवन ना करें।
- घर में झगड़ा ना करें।
- घर में शांति के लिए कीर्तन करें।
- सहवास ना करें।
- क्रोध ना करें।
नौ ग्रहों के लिए किस प्रकार नौ दान करें? माघ पूर्णिमा पर नौ ग्रहों को दान करने की भी परंपरा है लेकिन दान देते वक्त इन बातों का विशेष ख्याल रखें।
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