Sunday, June 29.

Header Ads

 Baglamukhi Chalisa in Hindi- बगलामुखी माता जी की चालीसा 

baglamukhi+mata
।। दोहा ।।

नमो महाविधा बरदा , बगलामुखी दयाल |

स्तम्भन क्षण में करे , सुमरित अरिकुल काल ||

।। चौपाई ।।

नमो नमो पीताम्बरा भवानी , बगलामुखी नमो कल्यानी | 1|

भक्त वत्सला शत्रु नशानी , नमो महाविधा वरदानी |2 |

अमृत सागर बीच तुम्हारा , रत्न जड़ित मणि मंडित प्यारा |3 |

स्वर्ण सिंहासन पर आसीना , पीताम्बर अति दिव्य नवीना |4 |

स्वर्णभूषण सुन्दर धारे , सिर पर चन्द्र मुकुट श्रृंगारे |5 |

तीन नेत्र दो भुजा मृणाला, धारे मुद्गर पाश कराला |6 |

भैरव करे सदा सेवकाई , सिद्ध काम सब विघ्न नसाई |7 |

तुम हताश का निपट सहारा , करे अकिंचन अरिकल धारा |8 |

तुम काली तारा भुवनेशी ,त्रिपुर सुन्दरी भैरवी वेशी |9 |

छिन्नभाल धूमा मातंगी , गायत्री तुम बगला रंगी |10 |

सकल शक्तियाँ तुम में साजें, ह्रीं बीज के बीज बिराजे |11 |

दुष्ट स्तम्भन अरिकुल कीलन, मारण वशीकरण सम्मोहन |12 |

दुष्टोच्चाटन कारक माता , अरि जिव्हा कीलक सघाता |13 |

साधक के विपति की त्राता , नमो महामाया प्रख्याता |14 |

मुद्गर शिला लिये अति भारी , प्रेतासन पर किये सवारी |15 |

तीन लोक दस दिशा भवानी , बिचरहु तुम हित कल्यानी |16 |

अरि अरिष्ट सोचे जो जन को , बुध्दि नाशकर कीलक तन को |17 |

हाथ पांव बाँधहु तुम ताके,हनहु जीभ बिच मुद्गर बाके |18 |

चोरो का जब संकट आवे , रण में रिपुओं से घिर जावे |19 |

अनल अनिल बिप्लव घहरावे , वाद विवाद न निर्णय पावे |20 |

मूठ आदि अभिचारण संकट . राजभीति आपत्ति सन्निकट |21 |

ध्यान करत सब कष्ट नसावे , भूत प्रेत न बाधा आवे |22 |

सुमरित राजव्दार बंध जावे ,सभा बीच स्तम्भवन छावे |23 |

नाग सर्प ब्रर्चिश्रकादि भयंकर , खल विहंग भागहिं सब सत्वर |24 |

सर्व रोग की नाशन हारी, अरिकुल मूलच्चाटन कारी |25 |

स्त्री पुरुष राज सम्मोहक , नमो नमो पीताम्बर सोहक |26 |

तुमको सदा कुबेर मनावे , श्री समृद्धि सुयश नित गावें |27 |

शक्ति शौर्य की तुम्हीं विधाता , दुःख दारिद्र विनाशक माता |28 |

यश ऐश्वर्य सिद्धि की दाता , शत्रु नाशिनी विजय प्रदाता | 29 |

पीताम्बरा नमो कल्यानी , नमो माता बगला महारानी |30 |

जो तुमको सुमरै चितलाई ,योग क्षेम से करो सहाई |31 |

आपत्ति जन की तुरत निवारो , आधि व्याधि संकट सब टारो |32 |

पूजा विधि नहिं जानत तुम्हरी, अर्थ न आखर करहूँ निहोरी |33 |

मैं कुपुत्र अति निवल उपाया , हाथ जोड़ शरणागत आया |34 |

जग में केवल तुम्हीं सहारा , सारे संकट करहुँ निवारा |35 |

नमो महादेवी हे माता , पीताम्बरा नमो सुखदाता |36 |

सोम्य रूप धर बनती माता , सुख सम्पत्ति सुयश की दाता |37 |

रोद्र रूप धर शत्रु संहारो , अरि जिव्हा में मुद्गर मारो |38 |

नमो महाविधा आगारा,आदि शक्ति सुन्दरी आपारा |39 |

अरि भंजक विपत्ति की त्राता , दया करो पीताम्बरी माता | 40 |

।। दोहा ।।


रिद्धि सिद्धि दाता तुम्हीं , अरि समूल कुल काल |

मेरी सब बाधा हरो , माँ बगले तत्काल ||


।। इति बगलामुखी चालीसा समाप्त ।| 


Sampoorna Bagulamukhi Yantra for Home Office Puja Ghar

yantra




कोई टिप्पणी नहीं

'; (function() { var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true; dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js'; (document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq); })();

Post Top Ad

Post Bottom Ad