Sarva Pitru Amavasya- सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या
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अमावस्या तीर्थ श्राद्ध उन मृतक पारिवारिक सदस्यों के लिए किया जाता है जिनकी मृत्यु अमावस्या तीथि, पूर्णिमा तीथि और चतुर्दशी तीथि को हुई थी।
यदि कोई सभी तीथों पर श्राद्ध करने में सक्षम नहीं है, तो इस दिन एकल श्राद्ध (सभी के लिए) परिवार में सभी मृतक आत्माओं को खुश करने के लिए पर्याप्त है। यदि पितरों की पुण्यतिथि ज्ञात नहीं है या भुला दी गई है तो उन तीर्थों को इस तीथि पर किया जा सकता है। इसीलिए अमावस्या श्राद्ध को सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।
साथ ही पूर्णिमा तीथि पर मरने वालों के लिए महालया श्राद्ध भी अमावस्या श्राद्ध तीर्थ पर किया जाता है न कि भाद्रपद पूर्णिमा पर। हालांकि भाद्रपद पूर्णिमा श्राद्ध पितृ पक्ष से एक दिन पहले पड़ता है लेकिन यह पितृ पक्ष का हिस्सा नहीं है। आमतौर पर पितृ पक्ष भाद्रपद पूर्णिमा श्राद्ध के अगले दिन शुरू होता है।
जिस जातक की कुंडली में यह दोष होता है उसे धन अभाव से लेकर मानसिक क्लेश तक का सामना करना पड़ता है। पितृदोष से पीड़ित जातक की उन्नति में बाधा रहती है। पितृदोष का प्रभाव कम करने के लिए सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या के
कई आसान, सरल उपाय भी हैं , आप दिए गए उपाय करें -
- सर्व पितृ अमावस के दिन घर की दक्षिण दिशा की दीवार पर अपने स्वर्गीय परिजनों का फोटो लगाकर उस पर हार चढ़ाकर उनकी पूजा स्तुति करना चाहिए। उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है।
- जरूरतमंदों अथवा गुणी ब्राह्मणों को भोजन कराएं। भोजन में मृतात्मा की कम से कम एक पसंद की वस्तु अवश्य बनाएं।
- सर्व पितृ अमावस्या पर प्रात:काल में स्नान कर नंगे पैर शिव मंदिर में जाकर आंक के 21 पुष्प, कच्ची लस्सी, बिल्वपत्र के साथ शिवजी की पूजा करें। इससे पितृदोष का प्रभाव कम होता है।
- सर्व पितृ अमावस्या पर गरीब कन्या का विवाह या बीमारी में सहायता करने पर लाभ मिलता है।
- सर्व पितृ अमावस्या पर ब्राह्मणों को प्रतीकात्मक गोदान, पानी पिलाने के लिए कुंए खुदवाएं या राहगीरों को शीतल जल पिलाने से भी पितृदोष से छुटकारा मिलता है।
- सर्व पितृ अमावस्या पर पवित्र पीपल तथा बरगद के पेड़ लगाएं। विष्णु भगवान के मंत्र जाप, श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करने से भी पित्तरों को शांति मिलती है और दोष में कमी आती है।
- सर्व पितृ अमावस्या पर पितरों के नाम पर गरीब विद्यार्थियों की मदद करने तथा दिवंगत परिजनों के नाम से अस्पताल, मंदिर, विद्यालय, धर्मशाला आदि का निर्माण करवाने से भी अत्यंत लाभ मिलता है।
- इस दिन अगर हो सके तो अपनी सामर्थ्यानुसार गरीबों को वस्त्र और अन्न आदि दान करने से भी यह दोष मिटता है।
- सर्व पितृ अमावस्या पर पीपल के वृक्ष पर दोपहर में जल, पुष्प, अक्षत, दूध, गंगाजल, काले तिल चढ़ाएं और स्वर्गीय परिजनों का स्मरण कर उनसे आशीर्वाद मांगें।
- सर्व पितृ अमावस्या पर शाम के समय दीप जलाएं और नाग स्तोत्र, महामृत्युंजय मंत्र या रुद्र सूक्त या पितृ स्तोत्र व नवग्रह स्तोत्र का पाठ करें। इससे भी पितृ दोष की शांति होती है।
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