🌺 आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2025 का शुभारंभ: कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
🪔 कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त – 26 जून 2025
- प्रातः कालीन मुहूर्त: सुबह 05:25 बजे से 06:58 बजे तक
- दोपहर कालीन मुहूर्त: दोपहर 11:56 बजे से 12:52 बजे तक
इस दिन मां दुर्गा की पूजा विधिपूर्वक कलश स्थापना से शुरू की जाती है। कलश स्थापना के साथ नौ दिनों की विशेष साधना प्रारंभ होती है।
यह रहा आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2025 के लिए पूरे 9 दिनों का पंचांग (26 जून से 4 जुलाई तक) — प्रत्येक दिन देवी स्वरूप, तिथि और पूजा से जुड़ी जानकारी के साथ:
🌼 आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2025 – नौ दिन का संपूर्ण पंचांग
🗓 पहला दिन – 26 जून 2025, गुरुवार
तिथि: प्रतिपदा
देवी स्वरूप: शैलपुत्री माता
कलश स्थापना मुहूर्त: सुबह 05:25 से 06:58 और दोपहर 11:56 से 12:52
व्रत व पूजा विधि: कलश स्थापना, गणेश पूजन, शैलपुत्री देवी का घृत से अभिषेक
🗓 दूसरा दिन – 27 जून 2025, शुक्रवार
तिथि: द्वितीया
देवी स्वरूप: ब्रह्मचारिणी माता
व्रत व पूजा विधि: दूध या मिश्री से अभिषेक, ब्रह्मचर्या व्रत पालन का संकल्प
🗓 तीसरा दिन – 28 जून 2025, शनिवार
तिथि: तृतीया
देवी स्वरूप: चंद्रघंटा माता
व्रत व पूजा विधि: गुड़ या खीर का भोग, शांति व शक्ति की प्राप्ति हेतु पूजा
🗓 चौथा दिन – 29 जून 2025, रविवार
तिथि: चतुर्थी
देवी स्वरूप: कूष्मांडा माता
व्रत व पूजा विधि: मालपुए का भोग, तेज व आरोग्यता की प्राप्ति
🗓 पाँचवां दिन – 30 जून 2025, सोमवार
तिथि: पंचमी
देवी स्वरूप: स्कंदमाता
व्रत व पूजा विधि: केले का भोग, पुत्र प्राप्ति व सौभाग्य हेतु पूजन
🗓 छठा दिन – 1 जुलाई 2025, मंगलवार
तिथि: षष्ठी
देवी स्वरूप: कात्यायनी माता
व्रत व पूजा विधि: शहद का भोग, विवाह बाधा निवारण हेतु आराधना
🗓 सातवां दिन – 2 जुलाई 2025, बुधवार
तिथि: सप्तमी
देवी स्वरूप: कालरात्रि माता
व्रत व पूजा विधि: गुड़ या नींबू का भोग, भय व बाधा निवारण हेतु पूजन
🗓 आठवां दिन – 3 जुलाई 2025, गुरुवार
तिथि: अष्टमी
देवी स्वरूप: महागौरी माता
व्रत व पूजा विधि: नारियल या सफेद मिठाई का भोग, सुंदरता व शुद्धता की कामना
🗓 नौवां दिन (नवमी) – 4 जुलाई 2025, शुक्रवार
तिथि: नवमी
देवी स्वरूप: सिद्धिदात्री माता
व्रत व पूजा विधि: हलवा-पूड़ी, कन्या पूजन, सिद्धि व सफलता प्राप्ति की प्रार्थना
🕉 विशेष ध्यान दें:
यह गुप्त नवरात्रि विशेष रूप से तांत्रिक साधना, शक्ति उपासना और गुप्त मंत्र सिद्धि के लिए अत्यंत फलदायक मानी जाती है।
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य पूजा और देवी स्तोत्र/दुर्गा सप्तशती का पाठ करना लाभकारी होता है।
🔱 गुप्त नवरात्रि का महत्व
गुप्त नवरात्रि तांत्रिक साधना और आध्यात्मिक उन्नति के लिए जानी जाती है। इसमें विशेष रूप से मां दुर्गा के दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है। यह समय साधकों और शक्ति उपासकों के लिए अत्यंत फलदायक होता है।
📿 क्या करें इस दिन?
- प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना करें।
- मां दुर्गा की विधिवत पूजा करें।
- दुर्गा सप्तशती या देवी कवच का पाठ करें।
🔍 निष्कर्ष:
26 जून 2025 से आरंभ हो रही आषाढ़ गुप्त नवरात्रि साधना और शक्ति प्राप्ति का उत्तम समय है। शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना कर मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करें और नौ दिनों तक साधना, उपवास, और पूजा से लाभ पाएं।
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